Iran News: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर निशाना साधा है. उन्होंने अमेरिका और अन्य कुछ देशों पर निशाना साधते हुए उन्हें धौंस जमाने वाली सरकारें कहा.
इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता को पत्र लिखकर देश के परमाणु कार्यक्रम पर नए सिरे से बातचीत करने का आग्रह किया है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
अयातुल्ला अली खामेनेई ने साधा निशाना
ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता से इनकार करने पर सैन्य कार्रवाई की धमकी देने वाले ट्रंप के बयान के बाद खामेनेई ने अधिकारियों से कहा, 'कुछ धमकाने वाली सरकारें वार्ता पर जोर देती हैं.' खामेनेई ने कहा, "उनकी वार्ता का उद्देश्य समस्याएं सुलझाना नहीं, बल्कि वर्चस्व स्थापित करना है."
उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बिना या ट्रंप के पत्र का उल्लेख किए बिना कहा, "वे नई उम्मीदें लगा रहे हैं, जिनको लेकर मेरा मानना है कि ईरान इसे पूरा होने नहीं देगा.
विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कही ये बात
शुक्रवार को विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एएफपी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि तेहरान अधिकतम दबाव के तहत बातचीत नहीं करेगा, हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर ट्रंप के पत्र का जिक्र नहीं किया था. जनवरी में व्हाइट हाउस लौटने पर ट्रंप ने ईरान पर अधिकतम दबाव की अपनी अपने कार्यकाल की नीति को फिर से लागू कर दिया है.
इस नीति के तहत, संयुक्त राज्य अमेरिका 2018 में ईरान परमाणु समझौते से हट गया, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है.
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी को लेकर भी खड़े किए सवाल
तेहरान हाल के महीनों में तीन यूरोपीय देशों (ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी) के साथ कूटनीतिक प्रयास कर रहा है, जिसका उद्देश्य उसकी परमाणु महत्वाकांक्षाओं से जुड़े मुद्दों को हल करना है. हालांकि शनिवार को खामेनेई ने तीन यूरोपीय देशों की इस घोषणा के लिए भी आलोचना की कि ईरान ने जेसीपीओए के तहत अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया है.