Pakistan PM Shehbaz Sharif: ईरान-इजरायल के बीच जारी संघर्ष के दौरान मिडिल ईस्ट में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. इस बीच ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें उन्होंने अल-उदीद एयर बेस को निशाना बनाया. ये अमेरिका का प्रमुख सैन्य संचालन केंद्र है. मामले पर कतर सरकार ने बयान जारी कर बताया कि मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोक लिया गया और किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ. हमले के तुरंत बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कतर और सऊदी अरब के राजदूतों से फोन पर बात की और क्षेत्र में तनाव बढ़ने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार है. हम सऊदी अरब और अन्य साझेदारों के साथ मिलकर कूटनीतिक समाधान पर काम करेंगे.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कतर सरकार और जनता के प्रति एकजुटता व्यक्त की. सऊदी अरब से भी बातचीत की और संयुक्त प्रयासों की बात कही. पाकिस्तान ने कतर की संप्रभुता पर हुए हमले की कड़ी निंदा की. हालांकि, इस बीच कतर सरकार ने ईरान के हमले को संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने कहा कि हम अल-उदीद एयर बेस पर ईरानी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हमारी संप्रभुता, हवाई क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय नियमों की अवहेलना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं.

अल-उदीद एयर बेस का महत्वयह अमेरिका का संयुक्त एयर ऑपरेशन्स सेंटर (CAOC) है. ये 379 वीं एयर एक्सपीडिशनरी विंग का मुख्यालय, जो विश्व की सबसे बड़ी ऑपरेशनल विंग. मामले पर ईरान के राष्ट्रपति और सैन्य कमांडरों ने स्पष्ट किया कि यह हमला सिर्फ जवाबी कार्रवाई है और अमेरिका व इजरायल की कार्रवाइयों के विरुद्ध चेतावनी भी है. यह 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद सबसे बड़ा प्रतिशोधी कदम माना जा रहा है. अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया था. इसके जवाब में ईरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस को निशाना बनाया. ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने हमले से पहले एक बयान में कहा था कि हमने युद्ध नहीं मांगा, लेकिन हम पर हमला हुआ तो चुप नहीं बैठेंगे.