Iran Hijab Protest: ईरान में पिछले कई महीनों से एंटी-हिजाब प्रोटेस्ट चल रहा. इस प्रोटेस्ट में अब तक कई लोगों की जानें चली गई है. ये प्रोटेस्ट शुरू होने कि वजह थी 22 साल की लड़की महसा अमिनी, जिसे ठीक से हिजाब न पहनने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. ये घटना पिछले साल 2022 में सितंबर के महीने में हुई थी. पुलिस हिरासत के ही दौरान महसा अमिनी की मौत हो गई थी. इसके बाद से ईरान में एंटी-हिजाब प्रदर्शन अपने चरम पर है. 


इसी प्रोटेस्ट में भाग लेने वाले कई लोगों को ईरान की सरकार ने फांसी भी दे दी. ईरान में दिन-ब-दिन हालत भी खराब होती जा रही है. बिगड़ते हालात के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर लीडर अली ख़ामेनेई ने शनिवार (7 जनवरी) को एक बड़ा फैसला लेते हुए पुराने पुलिस चीफ हुसैन अश्तरी को हटा दिया. उनकी जगह ब्रिगेडियर-जनरल अहमदरेज़ा रादान को नया पुलिस चीफ नियुक्त किया गया. ईरान में पिछले आठ साल से हुसैन अश्तरी ही पुलिस चीफ रहे थे. इससे पहले नए पुलिस चीफ अहमदरेज़ा रादान पुलिस रिसर्च टीम के हेड भी रह चुके हैं.


ईरान शासन बांटा हुआ है


ईरान में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर विश्लेषकों का कहना है कि देश का इस्लामिक शासन महीनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर बंटा हुआ है, जो असंतोष को शांत करने की कोशिश के बीच डगमगा रहा है. अमेरिका के डेनवर यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर मिडिल ईस्ट स्टडीज के डायरेक्टर नादेर हाशमी ने कहा, "ईरानी शासन से हमें जो विरोधी संदेश मिल रहे हैं, वे चल रहे विरोध प्रदर्शनों से निपटने के तरीके पर एक आंतरिक बहस का सुझाव देते हैं." 


दो तरफा फैसला


ईरान में एक तरफ मौत की सजा पाने वाले कई प्रदर्शनकारियों को फिर से मौका देना और प्रमुख असंतुष्टों की नजरबंदी से रिहाई कर देना इन उपायों में शामिल है. इससे पता चलता है कि कुछ लोग नरम रुख अपनाना चाहते हैं. वही फिर से कल शनिवार (7 जनवरी) को कट्टरपंथ की याद फिर से ताजा हो गई, जब ईरान ने विरोध-संबंधी अशांति के दौरान एक अर्धसैनिक बल के सदस्य की हत्या के लिए दो लोगों को फांसी दे दी.  


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