Iran Gas Production: ईरान के पट्रोलियम मंत्री जवाद ओउजी ने एक अजीबोगरीब फरमान जारी किया है. ईरान इंटरनेशनल के मुताबिक, मंत्री जवाद ओउजी ने फरमान में कहा कै कि अगर  "पड़ोसी ज्यादा गैस इस्तेमाल करते हैं तो लोग इसकी जानकारी खुफिया एजेंसियों को दें." पट्रोलियम मंत्री की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सर्दियों के मौसम के बीच ईरान को भारी गैस की कमी का सामना करना पड़ रहा है. गैस की कमी से ईरान में घरोलू खपत से लेकर उद्योगों को परेशानी हो रही है.


ईरान के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गैस भंडार
इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ईरान के पास है दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गैस भंडार है, फिर गैस की कमी क्यों हो रही? ईरान के पट्रोलियम मंत्री जवाद ओउजी ने दूसरा फरमान भी जारी कर दिया, जिससे ईरान के लोगों में भारी नाराजगी है. ओउजी के दूसरे फरमान में लोगों से कहा है कि सर्दियों में घरों में गर्म कपड़े पहनें और गैस की खपत कम से कम करें. इसके अलावा ओउजी ने उन लोगों को गैस की आपूर्ति में कटौती करने की भी चेतावनी दी, जो अधिक गैस की खपत कर रहे हैं.


दिलचस्प बात यह है कि रूस के बाद ईरान के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गैस भंडार है. वहीं ईरान प्राकृतिक गैस का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है. इसके बावजूद देश भारी गैस की कमी से जूझ रहा है. 


ऊर्जा बचाने के लिए स्कूल, कार्यालय बंद
ईरान सरकार ने 31 ईरानी प्रांतों में से आठ प्रांतों में ऊर्जा बचाने के लिए अपने कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है. प्रभावित प्रांतों में माजंदरान, इस्फहान, काज़्विन, पूर्वी अजरबैजान, अल्बोर्ज़, गिलान, कोम और दक्षिण खुरासान हैं. दरअसल, ईरान में गैस की कमी की समस्या पहले से ही है. देश में इतना बड़ा गैस भंडार होने के बावजूद ईरान कमजोर बुनियादी ढांचे के कारण उतनी गैस का उत्पादन नहीं कर पाता है. 


ईरान इंटरनेशनल के अनुसार, गैस ले जाने के दौरान 25 फीसदी से ज्यादा गैस उड़ जाती है. इसके अलावा ईरान के सामने अमेरिका के द्वारा लगाए गए प्रतिबंध भी हैं. अमेरिकी प्रतिबंधों ने ईरान के लिए अपने गैस वितरण नेटवर्क को अपग्रेड करना मुश्किल बना दिया है, क्योंकि प्रतिबंध ईरान को नई तकनीकों तक पहुंचने में मुश्किल पैदा कर रहे हैं. .


यह भी पढ़ें: बॉडीगार्ड के साथ घर पर थीं अफगान की पूर्व सांसद नबीजादा, हमलावरों ने गोलियों से भूना, गुटेरेस ने की जांच की मांग