ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ शुक्रवार (25 जुलाई 2025) को ईरान तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल में परमाणु वार्ता करेगा. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार (21 जुलाई, 2025) को ये जानकारी दी. इससे पहले तीनों यूरोपीय देशों ने चेतावनी दी थी कि बातचीत शुरू न होने पर ईरान पर फिर से अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे.

Continues below advertisement

ईरान की सरकारी मीडिया ने ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बघाई के हवाले से कहा, "ईरान, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के बीच बैठक उप विदेश मंत्रियों के स्तर पर होगी."

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची से पहले हो चुकी है बातन्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को होने वाली यह वार्ता यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख द्वारा ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची के साथ पहली बार हुई बातचीत के बाद हो रही है. यह बातचीत इजरायल और अमेरिका द्वारा एक महीने पहले ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद हुई है.

Continues below advertisement

चीन और रूस के साथ तीन यूरोपीय देश भी ईरान के 2015 के परमाणु समझौते के पक्ष में शामिल रहे हैं. हालांकि अमेरिका ने 2018 में इस समझौते को वापस ले लिया था, जिसके तहत ईरान पर लगे प्रतिबंधों को उसके परमाणु कार्यक्रम पर बैन के बदले में हटा लिया गया था.

यूरोपीय देशों ने दी धमकीइन तीन यूरोपीय देशों ने कहा है कि अगर इजरायल-ईरान एयर वॉर से पहले ईरान और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु वार्ता फिर से शुरू नहीं होती है या ठोस परिणाम देने में विफल रहती है तो वे अगस्त के अंत तक स्नैपबैक मैकेनिज्म के जरिए तेहरान पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को बहाल कर देंगे.

ओमान की मध्यस्थता में हुई थी 5 दौर की परमाणु वार्ता अराकची ने हाल ही में कहा था कि अगर ई-3 कोई भूमिका निभाना चाहते हैं तो उन्हें जिम्मेदारी से काम करना चाहिए. धमकी और दबाव की घिसी-पिटी नीतियों को त्याग देना चाहिए. इसमें 'स्नैप-बैक' भी शामिल है, जिसके लिए उनके पास बिल्कुल भी नैतिक और कानूनी आधार नहीं है.

इजरायल-ईरान युद्ध से पहले तेहरान और वॉशिंगटन ने ओमान की मध्यस्थता में 5 दौर की परमाणु वार्ता की थी, लेकिन ईरान में यूरेनियम संवर्धन का मामला सामने आने के बाद वार्ता आगे न बढ़ सकी, क्योंकि पश्चिमी देश परमाणु हथियारों के किसी भी खतरे को न्यूनतम लेवल तक लाना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें:

चीन तुर्किए और मालदीव...ये तीनों रच रहे चक्रव्यूह, अब इस द्वीप को कब्जे में लेना चाहती है भारत सरकार, जानें ऐसा क्या है यहां