इंडोनेशिया में राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान जारी है. यहां 20 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं वाले देश में मनावाधिकारों और मूलभूत जरूरतों के मुद्दों को लेकर जमकर मतदान हो रहा है. यह किसी भी देश में एक दिन में होने वाला सबसे बड़ा चुनाव है. इससे ज्यादा मतदाताओं वाले अलग-अलग देशों में मतदान हो चुके हैं, लेकिन तब चुनाव कई चरण में हुए थे और अब तक कभी भी एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में मतदान नहीं हुआ है.


इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो अपने कार्यकाल की अधिकतम सीमा पूरी कर चुके हैं. ऐसे में देश में राजनीतिक बदलाव होने तय हैं. इस अहम मौके पर इंडोनेशिया को लोग अपने नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करने के साथ ही सांसद और स्थानीय प्रतिनिधियों का भी चुनाव कर रहे हैं. इंडोनेशिया के 27 करोड़ो लोगों में से 20 करोड़ से ज्यादा का नाम मतदाता सूची में है. हालांकि, मतदान करना सभी के लिए अनिवार्य नहीं है, लेकिन आज देश में छुट्टी का दिन रखा गया है. इस वजह से जमकर मतदान होने की पूरी संभावना है. 2019 में हुए चुनाव में 81 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था.


मौजूदा समय में यहां 49.91 फीसदी पुरुष और 50.09 फीसदी महिला मतदाता हैं. इंडोनेशिया की पुलिस और सेना में शामिल लोग मतदान नहीं कर सकते हैं. राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कुल मिलाकर 50 फीसदी से ज्यादा मत और हर प्रांत में कम से कम 20 फीसदी मत हासिल करना जरूरी है. यहां कुल 18 राजनीतिक दल है, जो 575 सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. मौजूदा राष्ट्रपति जोको विडोडो अपने दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं. वह अब तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते. ऐसे में इस देश में एक दशक बाद राष्ट्रपति बदलना तय है. इस पद के लिए तीन पार्टियों के उम्मीदवार रेस में हैं. इसमें एक पूर्व मिलिट्री जनरल, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और स्वाघोषित लोकनेता शामिल हैं.


चुनावों का आयोजन 70 लाख लोग करा रहे हैं, जिनमें चुनाव अधिकारी और स्वतंत्र कार्यकर्ता शामिल हैं. 14 फरवरी की शाम तक चुनाव के शुरुआती नतीजे सामने आने की उम्मीद है. हालांकि, आधिकारिक नतीजे आने में 35 दिन का समय लग सकता है. हार-जीत का अंतर कम होने पर नतीजे आने में देरी होना तय है.