कल्पना कीजिए कि आपके पास भारत में सिर्फ दस हजार रुपये हों और किसी दूसरे देश में पहुंचते ही वही रकम लाखों में बदल जाए. यह सुनने में अजीब जरूर लगता है, लेकिन ईरान में यह बिल्कुल सच है. ईरान की मुद्रा ईरानी रियाल दुनिया की सबसे कमजोर मुद्राओं में गिनी जाती है. इसी वजह से भारतीय रुपये की कीमत वहां बहुत ज्यादा नजर आती है.

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ईरान की आर्थिक स्थिति पिछले कई सालों से दबाव में है. भारी महंगाई, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और कमजोर आर्थिक ढांचे ने वहां की मुद्रा को काफी नुकसान पहुंचाया है. यही कारण है कि वहां छोटी रकम भी बड़ी दिखाई देती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोग वास्तव में अमीर हैं.

भारतीय रुपया और ईरानी रियाल का अंतर

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भारतीय रुपये और ईरानी रियाल के बीच बहुत बड़ा अंतर है. वाइस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में एक भारतीय रुपए की वैल्यू 464 ईरानी रियाल है. इसी वजह से जब कोई भारतीय ईरान जाता है तो उसे नोटों की मोटी गड्डियां मिलती हैं. हालांकि, वहां की महंगाई भी उतनी ही ज्यादा होती है, इसलिए खर्च करते समय यह रकम जल्दी खत्म हो जाती है. इस हिसाब से अगर कोई भारतीय ईरान में 10 हजार रुपए लेकर जाएगा तो वहां उसकी कीमत 50 लाख ईरानी रियाल के करीब हो जाएगी. हालांकि, कागज पर दिखाई देने वाली यह अमीरी असल जीवन में ज्यादा मायने नहीं रखती, क्योंकि रोजमर्रा की चीजें वहां काफी महंगी हैं. इसके अलावा अमेरिका के 1 डॉलर की कीमत ईरान में 42 हजार 110 ईरानी रियाल के बराबर है.

ईरानी रियाल इतना कमजोर क्यों?

ईरान की मुद्रा पहले इतनी कमजोर नहीं थी. एक समय था जब रियाल को स्थिर माना जाता था, लेकिन बीते एक दशक में इसकी कीमत लगातार गिरती चली गई. इसकी सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं. अमेरिका और यूरोपीय देशों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. इन प्रतिबंधों के कारण ईरान को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम से काफी हद तक अलग कर दिया गया. विदेशी निवेश कम हो गया और आयात-निर्यात पर भी बुरा असर पड़ा. जब किसी देश की अर्थव्यवस्था इस तरह दबाव में आती है तो उसकी मुद्रा कमजोर होना तय है.

महंगाई ने भी बढ़ाई परेशानी

ईरान में महंगाई एक गंभीर समस्या बन चुकी है. वहां लंबे समय से महंगाई दर बहुत ऊंची बनी हुई है. रोजमर्रा की जरूरत की चीजें लगातार महंगी होती जा रही हैं, जिससे आम लोगों की खरीदने की ताकत कम हो गई है. जब महंगाई तेजी से बढ़ती है, तो मुद्रा की कीमत अपने आप गिरने लगती है और यही ईरान में हुआ है. 

ईरान की पेमेंट व्यवस्था पर असर 

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का असर ईरान की पेमेंट व्यवस्था पर भी पड़ा है. वहां Visa और MasterCard जैसी अंतरराष्ट्रीय कार्ड सेवाएं काम नहीं करतीं. विदेशी एटीएम और ऑनलाइन लेन-देन की सुविधा भी नहीं है. इसी कारण ईरान जाने वाले यात्रियों को नकद पैसा साथ ले जाना पड़ता है, जो आमतौर पर डॉलर या यूरो में होता है. वहीं जाकर इस रकम को स्थानीय मुद्रा में बदला जाता है.

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