Indian Army: देश की सीमाओं की सुरक्षा करना हो या फिर आतंकियों (Terrorist) से दो-दो हाथ, भारतीय सेना (Indian Army) हर जगह मजबूती से डटी रहती है. लेकिन अब भारतीय सेना का डंका सात समंदर पार भी बज रहा है. ताजा उदाहरण अफ्रीकी देश, कांगो (African Country Congo) का है जहां यूएन पीसकीपिंग फोर्स (UN Peacekeeping Force) का हिस्सा बनी भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने विद्रोही-संगठन के हमले को ना केवल नाकाम किया बल्कि खदेड़ भी दिया. जानकारी के मुताबिक, 22 मई को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) के रूतशुरु इलाके के शांगी में एम-23 विद्रोही संगठन ने कांगो की सेना और यूनाईटेड नेशन्स ऑर्गेनाईजेशन स्टेबिलाइजेशन मिशन इन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो यानि एमएनयूएससीओ (फ्रांसीसी शब्द है एमएनयूएससीओ) की पोजिशन्स पर अचानक हमला कर दिया था. 


अचानक हुए इस हमले के दौरान विद्रोहियों ने गोलाबारी की और संयुक्त राष्ट्र और कांगो आर्मी की ठिकानों पर कब्जा करने की कोशिश की. एमएनयूएससीओ में भारतीय सेना की एक टुकड़ी भी शांति-मिशन के तहत शामिल थी. जैसे ही हमला हुआ भारतीय सैनिकों ने ना केवल डटकर मुकाबला किया बल्कि विद्रोहियों को भी खदेड़ दिया. इस जवाबी कारवाई में भारतीय सेना की मदद दूसरे देशों के सैनिकों ने भी की जो इस शांति मिशन का हिस्सा है. एमएनयूएससीओ के मुताबिक, विद्रोहियों के खिलाफ दो अटैक हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया.


1999 से भारतीय सेना की एक टुकड़ी कॉन्गो में
गृहयुद्ध से पीड़ित अफ्रीकी देश, कॉन्गो में वर्ष 1999 से भारतीय सेना (Indian Army) की एक टुकड़ी तैनात रहती है. ये टुकड़ी, संयुक्त राष्ट्र (UN) के तक एमएनयूएससीओ मिशन (MNUSCO Mission)का हिस्सा है.  एमएनयूएससीओ एक फ्रांसीसी शब्द है जिसकी अंग्रेजी में फुल-फॉर्म है यूनाईटेड नेशन्स ऑर्गेनाईजेशन स्टेबिलाइजेशन मिशन इन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो. यूएन चार्टर के तहत भारतीय सेना गृहयुद्ध से पीड़ित कांगो में तैनात है और परिस्थितियों को स्थिर करने की भरसक कोशिश में जुटी रहती है. 


3 हजार भारतीय सैनिकों की तैनाती
भारतीय सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, निकट भविष्य में भी अगर विद्रोही गुट द्वारा किसी तरह का हमला सैन्य ठिकानों, सामरिक महत्व की सड़कों और शहरों पर किया गया तो यूएन मिशन में शामिल दूसरे देशों की सेनाओं के साथ मिलकर सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया जाएगा. भारतीय सेना की एमएनयूएससीओ मिशन में पूरी एक ब्रिगेड यानि करीब तीन हजार सैनिक तैनात हैं, जिनकी अगुवाई एक ब्रिगेड रैंक का अधिकारी करता है. कई बार स्थानीय मिलिशिया ने भारतीय सेना के कैंप पर हमला भी करने की कोशिश की है जिसे भारतीय सैनिकों ने हर बार असफल बनाया है. इसके अलावा इस यूएन मिशन में दूसरे देशों के सैनिक भी कॉन्गो में तैनात रहते हैं लेकिन सबसे ज्यादा संख्या भारतीय सैनिकों की है. 


शांति स्थापना के साथ मानवीय सहायता भी देती है सेना
मिलिशिया के बीच में शांति स्थापित करने के साथ-साथ भारतीय सेना स्थानीय लोगों के लिए मानवीय सहायता भी प्रदान करती है. इसके अलावा भारतीय सेना यहां एक फील्ड हॉस्पिटल भी संचालित करती है. पिछले साल मई के महीने में जब कांगो में एक बड़ा ज्वालामुखी फटा था तो भारतीय सैनिकों ने सबसे आगे आकर आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था और खाली हुए शहर और गांवों में तैनात रही थी ताकि ज्वालामुखी के लावा के असर के बारे में त्वरित जानकारी देकर उससे निपटा जा सके.


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