ईरान और इजरायल में शुरू हुए तनाव के बीच एक बार फिर भारत और इजरायल की दोस्ती की चर्चा हो रही हैं. पाकिस्तान के एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि दोनों देशों के बीच डिफेंस रिलेशनशिप है. इसकी वजह ये है कि भारत इजरायल को ड्रोन बेचता है, जिनका इस्तेमाल हमास के खिलाफ करता है. कमर चीमा ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल को हथियार देने पर रोक लगाने के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि उसने रिजॉल्यूशन का सपोर्ट इसलिए नहीं किया क्योंकि भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी की कंपनी अडानी कॉर्पोरेट इजरायल को ड्रोन एक्सपोर्ट करती है.


कमर चीमा ने कहा कि भारत उन 13 मुल्कों में से था, जिसने यूएन के अंदर इजरायल को हथियारों की सप्लाई पर रोक के लिए लाए गए प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया. यह प्रस्ताव इसलिए लाया गया था ताकि गाजा के अंदर सीजफायर हो. वहीं, 12 दिसबंर, 2023 को भारत ने सीजफायर के रिजॉल्यूशन का सपोर्ट किया, लेकिन इजरायल पर रोक लगाने के प्रस्ताव से पीछे हट गया.  


इजरायल को हर्मीस 900 ड्रोन बेचे जा रहे?
कमर चीमा ने कहा कि अडानी कॉर्पोरेट इजरायल को इंडियन मेड हर्मीस 900 ड्रोन इजरायल को एक्सपोर्ट करती है. यह बड़ा अनमैंड एरियल व्हीकल का एक बड़ा फ्लीट है. उन्होंने कहा कि भारत के अंदर इस पर बात नहीं हो रही है, लेकिन मीडिया ने रिपोर्ट किया कि ये ड्रोन हैदराबाद में बनते हैं और इनका इस्तेमाल इजरायल हमास के खिलाफ करता है. हर्मीस 900 ड्रोन रफा के अंदर और अन्य जगहों पर इस्तेमाल हुए हैं. मिलिट्री की इंटेलीजेंस गैदरिंग के लिए ये इस्तेमाल हो रहे हैं.


क्यों अडानी ग्रुप से ड्रोन खरीद रहा इजरायल?
कमर चीमा ने कहा कि भारत के हर्मीस 900 ड्रोन क्वालिटी में पूरे आते हैं और कीमत में कम हैं और काम वही करते हैं. इजरायल इसका सर्विलांस और टारगेट स्ट्राइक के लिए इस्तेमाल करता रहता है. उन्होंने कहा, 'अडानी डिफेंस एंड एयरस्पेस ने हर्मीस 900 ड्रोन बनाए हैं. इंडिया ने डायरेक्टली इजरायल को असलाह दिया हुआ है, जिनका हमास के खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है. जब हमास ने इजरायल पर हमला किया तो इंडिया की लीडरशिप, पॉलिटिकल, मिलिट्री, मीडिया, सिविल सोसाइटी, उन्होंने लगातार इस मसले को हाइलाइट किया कि दहशतगर्दों ने हमला किया.'


इजरायल से भारत के डिफेंस रिलेशन?
कमर चीमा ने आगे कहा कि भारत ने साल 1950 में इजरायल को देश के तौर पर मान्यता दी थी और मुंबई के अंदर एक ज्यूइश एजेंसी बनाई गई फिर बाद में ट्रेड ऑफिस बन गया. साल 1992 में रेगुलर एंबेसी खोली गई और दोनों मुल्कों के अंदर डिप्लोमेटिक रिलेशन बना. उन्होंने कहा कि साल 2022-23 में दोनों ने अपने रिश्ते के 30 साल को सेलिब्रेट किया.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े तरीके से इब्राहिम अकॉर्ड का फायदा उठाते हुए अरब और इजरायल दोनों से ताल्लुकात बना लिए. उन्होंने कहा कि ऐसा करके भारत ने उन सवालिया निशान को खत्म कर दिया, जो इजरायल के साथ उसके रिश्ते को लेकर मुस्लिम और अरब देश खड़े कर सकते थे. जब से पीएम मोदी ने ये 30 साल के रिश्ते सेलिब्रेट किए हैं तब से एग्रीकल्चर, वॉटर, इकोनॉमिकि रिलेशन और डिफेंस बड़े पैमाने पर चले गए. असल में यह डिफेंस रिलेशनशिप है.