India-China: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान के बयान पर चीन भड़क गया है. सीडीएस ने कहा कि अस्थिर भारत-चीन सीमाएं सबसे बड़ी चुनौती हैं. सीडीएस चौहान ने चीन के उदय को भी विकट समस्या बताया है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भारत और भारतीय सशस्त्र सुरक्षा बलों को चीन का सामना करना पड़ेगा. सीडीएस के इन्हीं बयानों से चीन चिढ़ गया है और ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत पर निशाना साधा है.


ग्लोबल टाइम्स ने एक्स हैंडल पर लिखा, भारत और चीन भागीदार हो सकते हैं और होना भी चाहिए. दोनों देशों को प्रतिद्वंदी बनने से बचना चाहिए और निश्चित रूप से दुश्मन नहीं बनना चाहिए. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, चीन के उत्थान के प्रति भारत को काफी संदेह है और चीन को विकट चुनौती के रूप में देखने का कोई मतलब नहीं है, इसका भारत की सफलता से कोई संबंध नहीं है. चीन के मुखपत्र ने लिखा भारत को चीन की तथाकथित चुनौतियों से डरने की जरूरत नहीं है.


सीडीएस ने आखिर कहा क्या था?


सीडीएस अनिल चौहान सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के रक्षा और सामरिक अध्ययन विभाग में बतौर वक्ता बोल रहे थे. सीएडीएस 'चीन के उदय और विश्व पर इसके प्रभाव पर तीसरी रणनीतिक और सुरक्षा वार्ता' कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने चीन और भारत की स्थित पर चर्चा की. सीडीएस ने बताया कि भारत के लिए सबसे बड़ी समस्याएं चीन के साथ लगती अस्थिर सीमाएं हैं. सीडीएस ने बताया कि भारत की प्राचीन सीमाएं अब आकार लेने लगी हैं. अंग्रेजों के समय में दृढ़ सीमाएं थी परंतु आजादी के बाद इनको अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिल सकी, जिसकी वजह से भारत को विवादित सीमाएं विरासत में मिली हैं.


पीएलए से निपटना होगा
सीडीएस चौहान ने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा करने के बाद भारत को एक नया पड़ोली मिल गया. साथ ही भारत के विभाजन से एक नए राष्ट्र का निर्माण हुआ और वहां भी भारत के खिलाफ शत्रुता पनपी. सीडीएस ने कहा कि आज दोनों पड़ोसी देशों के साथ भारत का सीमा विवाद है. इसी वजह से वास्तविक नियंत्रण रेखा, नियंत्रण रेखा और वास्तविक जमीनी रेखा जैसे शब्द आए. सीडीएस ने कहा कि सीमा सुरक्षा बलों को आज चीन की आर्मी पीएलए के साथ चतुराई से निपटने की जरूरत है. 


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