India Russia Relations: भारत और रूस की वर्षों पुरानी दोस्ती में दरार आनी शुरू हो गई है. एक समय था जब भारत, रूस से अपने करीब 50 फीसदी रक्षा हथियार खरीदता था. मौजूदा समय में वह रूस से सर्वाधिक हथियार खरीदता तो है, लेकिन उसमें काफी तेजी से कमी आई है. सिप्री की ताजा रिपोर्ट पर गौर करें तो भारत, रूस से अब केवल 36 फीसदी हथियार खरीदता है. यानी दोनों देशों के बीच करीब 14 फीसदी की खरीददारी कम हुई है. 


अमेरिका और फ्रांस की बल्ले बल्ले 


एकतरफ जहां भारत और रूस के बीच रक्षा हथियारों की खरीददारी में कमी आई है. वहीं दूसरी तरफ भारत का झुकाव अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों की ओर बढ़ा है. सिप्री की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014-18 और 2019-23 के बीच भारत ने 4.7 हथियार आयात किए. इसमें रूस की हिस्सेदारी करीब 14 फीसदी घटकर 36 फीसद पर आ गई है. 


रक्षा क्षेत्र में फिलहाल रूस का दबदबा घटता हुआ नजर आ रहा है. इसकी एक प्रमुख वजह रूस यूक्रेन वार को भी माना जा रहा है. दोनों देशों के बीच जारी युद्ध को करीब 3 साल पूरे हो गए हैं. इस बीच यूक्रेन के साथ-साथ लड़ाई में रूस को भी काफी नुकसान हुआ है. यही वजह है कि रूस हथियारों को फिलहाल निर्यात करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है. 


हथियार निर्यात करने के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंचा रूस


एक समय था जब रूस हथियार निर्यात के मामले में दूसरे स्थान पर हुआ करता था. मौजूदा समय में वह तीसरे स्थान पर खिसक गया है. पहले स्थान पर अब भी अमेरिका मजबूती के साथ बना हुआ है. रूस के निचे खिसकने के बाद दूसरे स्थान पर फ्रांस आ गया है. 


रूस के हथियार निर्यात में 53 फीसदी की गिरावट 


रूस के हथियार निर्यात करने में करीब 53 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इसका पूरा फायदा फ्रांस ने उठाया है. फ्रांस ने हथियार निर्यात करने के मामले में करीब 47 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है. 


साल 2019 तक रूस से करीब 31 देश हथियार निर्यात करते थे. अगले 5 सालों में यह आंकड़ा काफी तेजी से गिरा है. 2024 में रूस से हथियार खरीदने वाले देशों की संख्या अब केवल 12 रह गई है. इसमें भारत सबसे बड़ा देश है जो रूस से सर्वाधिक हथियार खरीदता है.


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