नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा की पत्नी, अमेरिका की पहली महिला मिशेल ओबामा विदाई भाषण के दौरान काफी भावुक हो गईं. बीते शुक्रवार को देश की पहली महिला के तौर पर उन्होंने अपना आखिरी भाषण दिया. लगातार दो कार्यकाल यानि आठ सालों तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे ओबामा की पत्नी मिशेल ने देश के नाम अपने आखिरी संबोधन में कहा कि अमेरिका की पहली महिला होना उनके जीवन में सबसे बड़े सम्मान की बात है. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्होंने अमेरिका के लोगों को गर्व करने का मौका दिया है.


डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव के बाद अमेरिका में फैली नकारात्मकता को संभवतः ध्यान में रखते हुए देश के युवाओं के संबोधन में मिशेल ने कहा कि डरने की ज़रूरत नहीं है. वे आगे कहती हैं कि ध्यान लगाकर काम करने और दृढ़ता बनाए रखने की ज़रूरत है. उन्होंने अमेरिकी युवाओं से अपील की कि वे खुद को शिक्षित करके अमेरिका को सपनों का देश बनाने की कोशिश करें.

अपने चुनावी कैंपेन में ट्रंप धार्मिक उन्माद फैलाते आए हैं जिससे देश के धार्मिक सदभाव पर काफी असर पड़ा है. मिशेल ने अपने अलविदा भाषण में कहा कि हमेशा से ही धार्मिक विविधता अमेरिका की पहचान रही है. उन्होंने सभी धर्मों की प्रशंसा करत हुए कहा कि ये सभी धर्म युवाओं को ईमानदारी और न्याय की शिक्षा देते हैं. यह पहला मौका नहीं है जब मिशेल के भाषण से लोगों की आंखें भर आई, राष्ट्रपति चुनावों के दौरान उनका भाषण अन्य महिलाओं की तुलना में काफी प्रभावशाली रहा था.

इसी महीने की 20 तारीख को अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति ओबामा का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, जिसके बाद पिछले साल हुए अमेरिकी चुनावों में जीतने वाले रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे.