Humans in moon: इंसान का चांद पर घर बसाने का सपना जल्दी ही पूरा होने वाला है. चांद पर प्लॉटिंग तो पहले से हो चुकी है, अब चांद पर इंसान रहने और काम भी करने वाला है. अमेरिकी स्पेस सेंटर नासा ने हाल ही में मिशन मून कार्यक्रम के तहत अपने आर्टेमिस-1 राकेट को लॉन्च किया है. अब नासा ने दावा किया है कि 2030 तक चांद की धरती पर इंसान निवास करने लगेगा और वहां अपना काम भी करने लगेगा. 


नासा के लिए ओरियन चंद्र अंतरिक्ष यान कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले हावर्ड हू ने कहा कि हम लोगों को चांद की सतह पर भेजने वाले हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग वहां रहने वाले हैं और खोज करने वाले हैं. हावर्ड हू ने बताया कि 2030 तक चंद्रमा पर भेजे जाने वाले इंसानों के रहने के लिए जगह तैयार हो चुकी होगी. उन्होंने कहा कि चांद पर सतह बहुत सारे रोवर इंसानों की मदद करेंगे. चांद पर इंसान बहुत सारे प्रयोग करने वाला है. 


50 साल बाद 'मिशन मून' पर अमेरिका


बता दें कि तकरीबन 50 साल बाद अमेरिका एक बार फिर से मिशन मून पर जुट गया है. पिछले ही हफ्ते नासा ने आर्टेमिस-1 राकेट को लॉन्च किया है, जो तेजी से आगे बढ़ रहा है. आर्टेमिस-1 की मदद से चांद पर मानव को भेजने की तैयारी कर रहा है. इस पूरे अभियान को 3 भागों में बांटा गया है आर्टेमिस-1, आर्टेमिस,-2 और आर्टेमिस-3. आर्टेमिस-1 की सफलता के बाद 3 साल बाद चांद की धरती पर फिर से मानव के कदम पड़ेंगे. 


आर्टेमिस-3 के साथ चांद पर जाएंगे मानव


आर्टेमिस-1  का उद्देश्य एक कैप्सूल को चंद्रमा पर लाने और वापस लाने की क्षमता का परीक्षण करना है. अगले चरण में इसके सात मानव को भी चंद्रमा पर भेजा जाएगा. आर्टेमिस-1 का ओरियॉन अब चंद्रमा की कक्षा में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. आर्टेमिस के तीसरे और सबसे अंतिम चरण में नासा इंसानों को चंद्रमा पर भेजेगा. नासा के अनुसार आर्टेमिस-3 के साथ चंद्रमा पर पहली महिला और पहला गैरश्वेत पुरुष को भेजा जाएगा. नासा के अनुसार ये काम 2030 तक पूरा कर लिया जाएगा.


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