दुनियाभर के ताकतवर देशों के पासपोर्ट की रैंकिंग देने वाली संस्था Henley Passport Index ने 2025 के पासपोर्ट रैंकिंग की लिस्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के आने के बाद अमेरिका को बहुत बड़ा झटका लगा है. आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिकी पासपोर्ट 20 साल में पहली बार दुनिया के टॉप-10 सबसे पावरफुल पासपोर्ट्स की लिस्ट से बाहर हो गया है.  

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इस रिपोर्ट में सिंगापुर के पासपोर्ट को पहला स्थान दिया गया है, जबकि भारत ने कुछ सालों की गिरावट के बाद लगातार सुधार किया है. कभी पासपोर्ट की लिस्ट में पहले स्थान पर रहने वाला अमेरिका, अब लिस्ट में गिरावट के साथ 12वें पायदान पर पहुंच गया है और मलेशिया के साथ टाई हो गया है. दोनों देशों के पास 180 देशों तक वीजा‑फ्री या वीजा-ऑन-एराइवल पहुंच है. साल 2024 में अमेरिका इस लिस्ट में 7वें स्थान पर था.

रिपोर्ट में पहले स्थान पर सिंगापुर ने मारी बाजी

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Henley रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर को 193 देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-एराइवल सुविधा प्राप्त है, जिस कारण इस देश को शीर्ष स्थान दिया गया है. इसके बाद दक्षिण कोरिया दूसरे स्थान और जापान तीसरे स्थान पर है, जिनके पास 190 देशों तक पहुंच है. इसके साथ ही यूरोपीय देशों जैसे स्विट्जरलैंड, लक्ज़मबर्ग, जर्मनी, इटली, स्पेन आदि को चौथे स्थान पर रखा गया है.  

भारत ने इस बार रैंकिंग में अच्छा स्थान पाया है. रिपोर्ट में भारत को 85वां स्थान दिया गया है, जहां उसके पास 59 देशों तक वीजा‑फ्री या वीजा-ऑन-एराइवल पहुंच है. यह भारत के लिए अच्छी रैंकिंग मानी जा रही है. कोविड-19 महामारी के बाद भारत की रैंकिंग गिरकर 90वें रैंक तक चली गई थी. हालांकि साल 2023 में भारत को इस रैंकिंग में 84वां और 2024 में 80वां पायदान मिला था. 

रैंकिंग में पाकिस्तान को मिला ये स्थान

Henley Passport Index 2025 की इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को 103वें स्थान पर रखा गया है, जिसके पास 31 देशों तक वीजा‑फ्री या वीजा-ऑन-एराइवल पहुंच है. पिछले साल 2024 में, पाकिस्तान के पासपोर्ट को 101वां स्थान दिया गया था, यानि इस रैंकिंग में पाकिस्तान ने गिरावट दर्ज की है.

रैंकिंग में क्यों नीचे गिरा संयुक्त राष्ट्र अमेरिका?

पिछले कुछ सालों में अमेरिका ने वीजा-मुक्त यात्रा समझौतों को बढ़ाने के प्रयास सीमित कर दिए हैं. वहीं, अन्य देशों (जैसे सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया) ने कई देशों के साथ ऐसे समझौते किए हैं, जिससे उनके नागरिकों को बिना वीजा यात्रा की सुविधा मिल रही है. वहीं अमेरिका का कई देशों के साथ राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव भी रहा है, जैसे चीन, रूस, ईरान, और कुछ अफ्रीकी राष्ट्र. इस कारण उन देशों ने भी अमेरिका के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध या वीजा कठिनाइयां बढ़ाई हैं.

COVID-19 महामारी के दौरान अमेरिका ने काफी कठोर यात्रा प्रतिबंध लगाए और महामारी के बाद भी कुछ प्रतिबंधों में धीरे-धीरे छूट दी, जबकि अन्य देशों ने तेजी से अपनी नीतियों में लचीलापन दिखाया. इससे अमेरिका का पासपोर्ट अन्य देशों की तुलना में कम कमजोर साबित हुआ.

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