Heavy Rain In Brazil : ब्राजील के दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल में भारी बारिश ने कहर बरपाया है. इसमें अब तक 39 लोगों की मौत हो गई है, 74 लोग लापता हैं. न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, यहां सोमवार से लगातार बारिश हो रही है, इसके कारण नदियां उफान पर हैं. सड़कें और पुल नष्ट हो गए हैं. इस आपदा में अब तक 24 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. राष्ट्रपति और गवर्नर ने भी चिंता जताई है. गवर्नर एडुआर्डो लेइट ने कहा कि ये कठिन दिन हैं, जब हम लोगों से अपने घर छोड़ने के लिए कह रहे हैं. हमारी प्राथमिकता लोगों को बचाना है, बाकी हम आगे का रास्ता खोज लेंगे. ढहे हुए घरों, पुलों और सड़कों के मलबे के बीच फंसे लोगों का पता लगाने के लिए आपातकालीन अभियान शुरू किया गया है. बचाव अभियान जारी है और मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है. 


'अब तक की सबसे विनाशकारी आपदा'


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अभी 14 लाख से अधिक आबादी वाले पोर्टो एलेग्रे शहर को भी अलर्ट पर रखा गया है. यह 12 महीनों के भीतर ब्राजील में आने वाली चौथी विनाशकारी बारिश है. गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछली बाढ़ पिछले साल जुलाई, सितंबर और नवंबर में आई थी, जिसमें 75 लोगों की जान चली गई थी. भूवैज्ञानिक सेवा की रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ का दायरा 1941 की विनाशकारी बाढ़ से भी अधिक हो गया है. द गार्जियन ने लिखा, कुछ इलाकों में जल स्तर ऊंचाई तक बढ़ गया, जो 150 वर्षों के रिकॉर्ड के इतिहास में नहीं देखा गया था. दरअसल, यहां सोमवार से तेज बारिश हो रही है, लेकिन स्थिति गुरुवार को उस समय बिगड़ गई, जब बेंटो गोंकाल्वेस और कोटिपोरा शहरों के बीच एक जलविद्युत संयंत्र का बांध टूट गया. ताक्वारी नदी घाटी में लाजेडो और एस्ट्रेला जैसे इलाके पानी में पूरी तरह से डूब गए थे. इसकी वजह से लोगों को इंटरनेट और मोबाइल सेवा की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. बचाव दल की टीम हेलीकॉप्टर से गश्त कर रही है. घरों की छतों पर बच्चों समेत फंसे परिवारों को बचाया जा रहा है.


गर्वनर और राष्ट्रपति ने जताई चिंता
गवर्नर लेइट ने इमरजेंसी की स्थिति घोषित कर दी है.  कहा, हम हमारे इतिहास की सबसे खराब आपदा से निपट रहे हैं. बचाव अभियान जारी है, लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला ने प्रभावित क्षेत्र को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया है. बचाव और राहत कार्यों में सहायता के लिए 626 सैनिकों के साथ 12 विमानों, 45 वाहनों और 12 नौकाओं को तैनात किया गया है. सड़कों को साफ करने, भोजन, पानी जैसी आवश्यक चीजें लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं.