वाशिंगटन: गूगल ने कहा कि उसने अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गलत जानकारी देने वाले ओर भ्रामक विज्ञापनों को अपने मंच से हटा दिया है. इन विज्ञापनों में से कुछ ने मतदान के लिए पंजीकरण करने के लिए लोगों से शुल्क लिया गया है. वहीं, कुछ ने विपणन संबंधी लक्ष्य पूरा करने के लिए लोगों की निजी जानकारियां हासिल की है. गैर-लाभकारी टेक कंपनी ‘टेक ट्रांसपरेंसी प्रोजेक्ट’ ने इन विज्ञापनों की पहचान की.


गूगल पर मतदान पंजीकरण करने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया गया है


संगठन ने पाया कि ‘‘मतदान के लिए पंजीकरण’’, ‘‘मेल से मतदान’’ और ‘‘ मेरा मतदान स्थल कहां हैं’’ जैसे विज्ञापन लिंक उन वेबसाइट के निर्मित किए गए हैं. जो मतदान पंजीकरण के लिए शुल्क ले रहे हैं, लोगों की निजी जानकारियां हासिल कर रहें हैं या लोगों के ब्राउजर में अवांछित सॉफ्टवेयर डाल रहे हैं. गूगल ने कहा कि उसके मंच पर ऐसे विज्ञापनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है.


गूगल की प्रवक्ता शैर्लेोट सिम्थ ने कहा, ‘‘हम अपने मंच पर ग्राहकों को ऐसे अनुचित व्यवहार से बचाने को प्रतिबद्ध हैं. विशेषकर जब बात चुनाव से जुड़ी जानकारियों की हो.’’


तीन नवंबर को होगी वोटिंग


आपको बता दें, नवंबर में होने वाले चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के भारतीय-अमेरिकन ट्रंप के पक्ष में जाते हुए दिख रहे है. मैथ्यूज के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप भारतीय-अमेरिकन से मिले इस व्यापक समर्थन के आभारी है. बताया जा रहा है कि एक सर्वेक्षण के नतीजो के मुताबिक चुनावी मुकाबले वाले अहम राज्यों, फ्लोरिडा, पेन्सिलवेनिया समेत वर्जीनिया में 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय-अमेरीकी ट्रंप के पक्ष में दिख रहे है.


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