Germany Shut Down Of Nuclear Plant: जर्मनी ने शनिवार (15) को नागरिकों के सुरक्षा का हवाला देते हुए अपने तीनों न्यूक्लियर पावर प्लांट बंद कर दिए. इस फैसले के बाद जर्मनी के पर्यावरण मंत्री स्टेफी लेम्के ने कहा कि न्यूक्लियर एनर्जी के मुद्दे पर हमारा एजेंडा बिल्कुल स्पष्ट है. हालांकि विपक्ष ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है. 


स्टेफी लेम्के ने न्यूक्लियर पावर प्लांट बंद किए जाने के बाद कहा कि यह नागरिकों के लिए सुरक्षित नहीं है. इसके साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी घातक है. हमें  पर्यावरण और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रख यह फैसला लेना पड़ा. इसके साथ ही जर्मनी ने 60 साल पहले शुरू हुए परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल के सिलसिले को बंद कर दिया. दरअसल 2035 तक जर्मनी खुद को पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी पर शिफ्ट करना चाह रहा है. इस वजह से यह फैसला लिया गया है. 


2022 में बंद करने थी योजना 


रूस यूक्रेन के बीच चल रहे  युद्ध को एक साल से अधिक हो गया है. अभी भी इन दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जर्मनी की प्लांट बंद करने की योजना साल 2022 में ही थी, लेकिन रूस- यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को ध्यान में रखते ऐसा हो नहीं पाया. इससे यह तय समय से लेट होता चला गया. अब जर्मनी ने अब इस फैसले पर मुहर लगा दी है. 


विपक्ष ने सरकार के फैसले पर उठाया सवाल 


सरकार के इस फैसले की विपक्ष ने आलोचना की है. इसके साथ ही आरोप लगाया है कि अपना स्वार्थ देखकर सरकार ने यह फैसला लिया गया है. एर्नोल्ड वॉट्ज ने कहा कि क्रिश्चयन डेमोक्रेटिक पार्टी ने ये कदम राजनीतिक लाभ के लिए उठाया है. उन्होंने दावा किया कि जर्मनी के बाडेन व्यूरटेमबर्ग में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सरकार का यह फैसला इस इलाके में ग्रीन पार्टी को टक्कर देने के लिए लिया गया है. बता दें कि जर्मनी में ग्रीन पार्टी पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाती है. इससे पहले भी ग्रीन ने पर्यावरण के मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए फायदा उठाया है. 


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