G20 Summit India: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. राष्ट्रपति पद संभालने के बाद बाइडेन पहली बार भारत आ रहे हैं. बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति के दौर पर पहले भी भारत आ चुके हैं. हालांकि, इस बार उनका राष्ट्रपति के तौर पर भारत आना काफी मायने रखता है. जी20 में शामिल होने के लिए बाइडेन ऐसे समय पर भारत आ रहे हैं, जब भारत और अमेरिका के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं. 

जो बाइडेन जब अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे थे, तब उस वक्त कहा गया कि ये भारत के लिए झटका हो सकता है. इसकी वजह ये थी कि बाइडेन कुछ मुद्दों पर तो भारत के साथ खड़े नजर आते थे. मगर कश्मीर से लेकर कथित मानवाधिकार हनन जैसे मुद्दों पर वह भारत के खिलाफ बयान देते रहते थे. हालांकि, राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसे हालात देखने को नहीं मिले. आइए जानते हैं कि बाइडेन राज में अब तक भारत-अमेरिका के रिश्ते कैसे रहे हैं. 

बाइडेन राज में कैसे रहे रिश्ते?

जनवरी 2021 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ही बाइडेन ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिनकी वजह से दोनों देशों के संबंध काफी बेहतर हुए हैं. उन्होंने क्वाड को मजबूत करने का काम किया है. एक दशक पहले तक जो अमेरिका भारत से दूरी बनाकर रखता था, वह आज भारत के करीब आ चुका है. बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हमेशा ही टेलीफोन वार्ता होती रहती है. दोनों ही नेता विदेशी मंचों पर गर्मजोशी से मुलाकात करते हैं. फिर वह जी20 की बैठकें हों या फिर क्वाड शिखर सम्मेलन. 

कार्नेगी इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद भारत को भरोसा दिलाया कि वह वैश्विक आतंकवाद और ग्लोबल इकोनॉमी जैसे साझा मुद्दों पर भारत के साथ रहेंगे. उन्होंने भारत के पक्ष में जाते हुए चीन पर लगाम कसने की बात भी कही है. पिछले साल जब बाइडेन और मोदी की बातचीत हुई, तो दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग और टेक्नोलॉजी में साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि बाइडेन राज में भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत हुए हैं. 

बाइडेन कार्यकाल में हुए कुछ प्रमुख सौदे

भारत और अमेरिका के बीच स्वच्छ ऊर्जा से लेकर पर्यावरण जैसे मुद्दों पर कई समझौते हुए हैं. एयर इंडिया और बोइंग के बीच 200 विमानों को लेकर हुई डील पर बातचीत भी बाइडेन के कार्यकाल में हुई. अमेरिकी कंपनी जनरल अटॉमिक्स के साथ ड्रोन की खरीददारी के लिए अरबों डॉलर का सौदा हुआ. जून में जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दौरे पर गए, तो उन्होंने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में निवेश के लिए सौदा किया. भारत-अमेरिका ने 2024 के लिए संयुक्त अंतरिक्ष यात्री मिशन की घोषणा भी की. 

भारत के करीब आने की क्या वजह? 

अमेरिका इस बात को भली-भांति जानता है कि उसे अगर दुनिया में अपनी बादशाहत कायम रखनी है, तो भारत को अपने साथ करना होगा. चीन के बढ़ते प्रभाव की वजह से अमेरिका बैचेन है. उसे लगता है कि अगर चीन को काबू में रखना है, तो भारत को अपने साथ करना होगा. इसलिए क्वाड जैसी बैठकों का आयोजन होता है. हाल ही में जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के पहले राजकीय दौरे पर गए, तो उस समय भी चीन को लेकर चर्चा हुई. यही वजह है कि बाइडेन अपने कार्यकाल में भारत के करीब आते गए हैं. 

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