बड़ी सफलता पाते हुए अंतरिक्ष में पहली बार वैज्ञानिकों ने 30 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सवार मूली की फसल को काटा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर आईएसएस रिसर्च ने बताया कि मूली अध्ययन के लिए इस्तेमाल की जाती है क्योंकि ये पौष्टिक और तेजी से उगने वाली होती है. उसने ट्वीट किया, "मूली तेजी से उगती है लेकिन हो सकता है इतनी तेजी से न हो!


अंतरिक्ष में पहली बार मूली की कटाई


मूली प्लांट हैबिटैट -02 (PH-02) अध्ययन के लिए इस्तेमाल की जाती है क्योंकि ये पौष्टिक होने के साथ तेजी से बढ़ती है और जेनेटिक तौर पर अंतरिक्ष में अक्सर अध्ययन किया जानेवाला पौधा अराबिडोप्सिस के बराबर है." मूली को एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट में उगाया जाता है. एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट पौधे के शोध के लिए विकास का चैंबर है.


चैंबर एलईडी रोशनी और नियंत्रित खाद के साथ पानी, पौषण और ऑक्सीजन को पौधे की जड़ों तक पहुंचाता है. 30 नवंबर को नासा की वैज्ञानिक केट रिबन्स ने मूली के पौधों को काटा. ये पौधे अंतरराष्ट्रीय आंतरिक्ष स्टेशन पर सवार एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट में उगाए गए थे. उन्होंने पूरी बारीकी से सब्जियों को इकट्ठा किया और फोइल पेपर में लपेटकर 2021 में स्पेसएक्स के 22वें वाणिज्यिक रिसपल्ली सर्विसेज मिशन के दौरान पृथ्वी की वापसी यात्रा के लिए एक कोल्ड स्टोर में संग्रहित किया.





प्लांट हैबिटेट-02 के नाम से प्रयोग

प्लांट हैबिटेट-02 के नाम से पौधे को प्रयोग के तौर पहली बार नासा ने घूर्णन प्रयोगशाला में उगाया है. नासा ने मूली का चुनाव इसलिए किया क्योंकि वैज्ञानिक उसे अच्छी तरह समझते हैं और 27 दिनों में विकसित हो जाती है. कैनेडी स्पेस सेंटर के नासा वैज्ञानिक निकोलर डुफूर ने कहा, "मूली पत्तेदार सब्जियों की तुलना में एक अलग तरह की फसल होती है जिसे अंतरिक्ष यात्री पहले अंतरिक्ष स्टेशन पर उगाया करते थे. अलग-अलग तरह के फसलों को उगाने से हमें समझने में मदद मिलती है कि कौन से पौधे भारहीनता में पनप सकते हैं और अंतरिक्ष यात्रियों को लंबी अवधि के मिशनों पर सर्वोत्तम विविधता और पोषक संतुलन प्रदान कर सकते हैं."


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