सोफिया: ईयू (यूरोपीय यूनियन) के एक आला अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोस्त की तरह नहीं बल्कि दुश्मनों की तरह बर्ताव कर रहे हैं. ईयू के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने बुल्गारिया में हुई एक बैठक में यूरोपीय यूनियन के नेताओं से कहा कि ईरान के साथ परमाणु समझौते से ट्रंप के पीछे हटने और अमेरिका द्वारा यूरोप पर व्यापार से जुड़े शुल्क लगाए जाने के खिलाफ वो एक ‘संयुक्त यूरोपीय मोर्चा’ बनाएं.


टस्क ने अमेरिकी प्रशासन की तुलना यूरोप के पारंपरिक विरोधी रूस और चीन से की. टस्क ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप के हालिया फैसलों को देखकर कोई भी यही सोचेगा कि अगर ट्रंप जैसे दोस्त हैं तो दुश्मनों की किसे जरूरत है.’’ यूरोप के मंत्रियों ने ब्रुसेल्स में ईरान के एक शीर्ष अधिकारी से मुलाकात की थी. ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका के पीछे हटने के बाद इस समझौते को बचाने के उद्देश्य से यह मुलाकात की गई.


टस्क ने बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए बंटे हुए ईयू में और एकजुटता का अनुरोध किया. टस्क ने कहा, "चीन के उभार और रूस के आक्रमक रgख जैसी राजनीतिक चुनौतियों के अलावा, हम आज नए घटनाक्रम को देख रहे हैं जिसमें अमेरिकी प्रशासन मनमाने और एकतरफा फैसले लेने पर अड़ा हुआ है."


बातचीत के बाद यूरोप के सूत्र ने एएफपी को बताया कि नेताओं ने ईरान के साथ समझौते के बाद ‘एकजुट ईयू’ पर सहमति जताई और कहा कि अगर ईरान इसका पालन करता है तो समझौते को समर्थन जारी रहेगा. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे, जर्मनी की चालंसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हालात पर अपने विचार रखे. आपको बता दें कि अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका, रूस और चीन ने ईरान समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.


आपको बता दें कि बीते मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने देश को ईरान परमाणु समझौते से बाहर कर लिया. ईरान के साथ ये समझौता पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में हुआ था. अपने चुनावी कैंपेन के दौरान ट्रंप ने इस समझौते की जमकर आलोचना की थी. आपको ये भी बता दें कि अमेरिका के बाहर निकल जाने के बावजूद ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस, जर्मनी और यूरोपियन यूनियन इस समझौते का हिस्सा बने हुए हैं. इन तमाम देशों और संगठनों ने ईरान के साथ हुए इस समझौते को बरकरार रखने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है.