लंदन: ब्रेक्जिट बाद व्यापार वार्ता में गतिरोध के लिए यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है. ब्रिटेन ने जहां यूरोपीय संघ (ईयू) से चर्चा में 'अधिक वास्तविकता' का प्रदर्शन करने को कहा, वहीं 27 देशों वाले संघ ने कहा कि वह एक 'विश्व शक्ति' है.


वार्ता का नवीनतम दौर निराशा के बीच मंगलवार को लंदन में शुरू हुआ. इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि ब्रिटेन सरकार 31 जनवरी को ईयू से अलग होने से पहले की गई प्रतिबद्धताओं से हटकर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने जा रही है.


ब्रिटिश सरकार के मुख्य वार्ताकार डेविड फ्रॉस्ट ने कहा कि ईयू को स्वतंत्र देश के रूप में ब्रिटेन के स्तर के बारे में 'अधिक वास्तविकता' का प्रदर्शन करना चाहिए. वहीं, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा कि संघ अपनी मांगों पर झुकने को तैयार नहीं है. उन्होंने ब्रसेल्स आर्थिक फोरम में मंगलवार को कहा, "हम न सिर्फ अपने नागरिकों को, बल्कि बाकी दुनिया के लिए भी एक संदेश भेज रहे हैं कि यूरोप एक विश्व शक्ति है और हम अपने हितों की रक्षा करने को तैयार हैं."


15 अक्तूबर तक समझौता नहीं हुआ तो ब्रिटेन ब्रेक्जिट वार्ता से बाहर हो जाएगा: UK प्रधानमंत्री जॉनसन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट के बाद की व्यापार वार्ता के अहम चरण से पहले रविवार को सख्त रुख अपनाया था. उन्होंने कहा था कि समझौता तभी संभव है जब यूरोपीय संघ के वार्ताकार 'अपनी मौजूदा स्थिति पर फिर से विचार' करने के लिए तैयार हों. वहीं ईयू ब्रिटेन पर गंभीरता से वार्ता में शामिल नहीं होने का आरोप लगाया था.


ब्रिटेन 31 जनवरी को यूरोपीय संघ से बाहर हो गया था जिसमें अब बस 27 राष्ट्र बच गए हैं. इससे साढ़े तीन साल पहले देश ने चार दशक की सदस्यता को समाप्त करने के पक्ष में मतदान किया था. इस राजनीतिक प्रस्थान के बाद एक आर्थिक विराम लगना है जब 11 महीने का पारगमन काल 31 दिसंबर को समाप्त होना है और ब्रिटेन ईयू के एकल बाजार और सीमा शुल्क संघ से हट जाएगा.


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