भारत में पहली बार पहचाना गया डेल्टा वेरिएंट, आने वाले महीनों में यूरोपीय संघ में 90 प्रतिशत नए कोविड मामलों के लिए जिम्मेदार हो सकता है. यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) ने कहा, "डेल्टा वेरिएंट अन्य सर्कुलेटिंग वेरिएंट की तुलना में अधिक ट्रांसमिसिबल है और हमारा अनुमान है कि अगस्त के अंत तक यह यूरोपीय संघ में नए मामलों के 90 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करेगा." बता दें ईसीडीसी यूरोपियन यूनियन की एक एजेंसी है जिसका मिशन संक्रामक रोगों के खिलाफ यूरोप की रक्षा को मजबूत करना है.


भारत में 'डेल्टा प्लस वेरिएंट’ ने बढ़ाई परेशानी
बता दें भारत मे आई दूसरी कोरोना वेव के लिए कोरोना वायरस का 'डेल्टा वेरिएंट' काफी हद तक जिम्मेदार था. यह 80 देशों में पाया गया. लेकिन अब भारत सरकार की चिंता डेल्टा प्लस वेरिएंट’ ने बढ़ा दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ की श्रेणी में रखा है और मंगलवार तक इसके 22 मामले सामने आ चुके हैं. ये मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में सामने आए हैं जिसको लेकर केंद्र सरकार ने इन राज्यों को चिट्ठी भी लिखी है.


9 देशों में पाया गया है 'डेल्टा प्लस वेरिएंट’
भारत के अलावा कोरोना का ‘डेल्टा प्लस वेरिएंट’ 9 देशों में पाया गया है.  ये देश हैं यूएसए, यूके, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन, रूस और अब भारत.  डेल्टा प्लस वेरिएंट’ तेज़ी से संक्रमित करता है, फेफड़ों को जल्द संक्रमित करता है और  मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में संभावित कमी करता है.


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