Pakistan Election News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (सीसीआई) की बैठक में नई डिजिटल जनगणना को मंजूरी दे दी गई. शनिवार को हुई बैठक में चार प्रांतों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और परिषद के सदस्यों ने भाग लिया. इस बैठक में नई जनगणना के तहत चुनाव का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि पाकिस्तान में नए चुनाव में 6 महीने से एक साल तक की देरी हो सकती है. 


बैठक के दौरान पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) ने कथित तौर पर संघीय सरकार को सूचित किया है कि उसने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई. जिसके बाद नई डिजिटल जनगणना को मंजूरी दी गई. माना जा रहा है कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को नए सिरे से परिसीमन प्रक्रिया करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता होगी, ऐसे में पाकिस्तान में होने वाले चुनाव में कुछ महीनों की देरी हो सकती है. 


बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री के आने में हुई देरी 


जिओ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री के आने में देरी के कारण बैठक स्थगित कर दी गई थी, लेकिन ब्रेक के बाद बैठक फिर से शुरू हुई, जिसमें काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स ने बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री को भी विश्वास में लिया. 


नई डिजिटल जनगणना को मिली मंजूरी 


डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सीसीआई की बैठक में यह तय होना था कि आगामी चुनाव 2017 की जनगणना के आधार पर हो या इस साल हुई ताजा जनगणना के आधार पर. इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तान में आगामी चुनाव 2023 की डिजिटल जनगणना के आधार पर होंगे.


हालांकि, शहबाज शरीफ के दो मुख्य गठबंधन सहयोगी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) की राय इससे अलग थी. पीपीपी ने कई मौकों पर कहा है कि चुनाव 2017 की जनगणना के आधार पर होने चाहिए, यह दोहराते हुए कि चुनाव में किसी भी तरह की देरी स्वीकार नहीं की जाएगी.  


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