Dubai: दुबई के शासक को बच्चों की कस्टडी मामले को निपटाने के लिए 730 मिलियन डॉलर का भुगतान करना होगा. दुबई के शासक, शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम (Sheikh Mohammed Bin Rashid Al-Maktoum) को लंदन में उच्च न्यायालय (London High Court) ने अपनी पूर्व पत्नी के साथ अपने दो बच्चों के लिए कस्डडी की लड़ाई को निपटाने के लिए 554 मिलियन पाउंड (733 मिलियन डॉलर) से अधिक का ब्रिटिश रिकॉर्ड देने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के जज फिलिप मूर ( Philip Moor) ने कहा कि जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला की सौतेली बहन, राजकुमारी हया बिन्त अल-हुसैन (Princess Haya Bint Al-Hussein) और दंपति के दो बच्चों को दिए जाने वाले मुआवजे का मुख्य मकसद उनके आजीवन सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. 


पूर्व पत्नी को 730 मिलियन का करना होगा भुगतान


जज फलिप मूर ने कहा कि वैवाहिक संबंध टूटने के बाद वो सुरक्षा के अलावा अपने लिए कोई राशि नहीं मांग रही है. कोर्ट ने शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम (Sheikh Mohammed Bin Rashid Al-Maktoum) को तीन महीने के भीतर हया को उसकी ब्रिटिश हवेली के रखरखाव के लिए 251.5 मिलियन पाउंड का एकमुश्त भुगतान करने का निर्देश दिया है. संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) के उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री शेख को 14 वर्षीय जलीला (Jalila) और 9 वर्षीय जायद (Zayed) की शिक्षा के लिए 3 मिलियन पाउंड और 9.6 मिलियन पाउंड बकाया राशि प्रदान करने के लिए भी कहा गया. उन्हें बच्चों के भरण-पोषण और वयस्क होने पर उनकी सुरक्षा के लिए हर साल 11.2 मिलियन पाउंड का भुगतान करने के लिए भी कहा गया है.


2019 में ब्रिटेन भाग गई थी राजकुमारी हया


भुगतानों की गारंटी HSBC बैंक के पास 290 मिलियन पाउंड की सुरक्षा के माध्यम से दी जाएगी. लगभग सात घंटे की गवाही के दौरान, 47 वर्षीय हया ने कहा कि एक बड़ा एकमुश्त भुगतान ही टूटे हुए संबंध की भरपाई हो सकती है. उन्होंने कहा मैं वास्तव में स्वतंत्र होना चाहती हूं और मैं चाहती हूं कि वे भी स्वतंत्र हों. बताया जाता है कि राजकुमारी हया के अपने एक बॉडीगार्ड के साथ संबंध शुरु करने के बाद विवाद शुरु हुआ. राजकुमारी अप्रैल 2019 में ब्रिटेन भाग गई थी. दुबई के शासक ने राजकुमारी हया को बताए बिना ही शरिया कानून के तहत उन्हें फरवरी 2019 में तलाक दे दिया था. बच्चों की कस्टडी को लेकर राजकुमारी हया ने ब्रिटेन की अदालत में मुकदमा किया था और हया के पक्ष में फैसला आया.