Putin Murder Plot: पूर्व फॉक्स न्यूज एंकर और प्रमुख रूढ़िवादी टकर कार्लसन ने अपने पॉडकास्ट "द टकर कार्लसन शो" के दौरान एक चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो बाइडेन प्रशासन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या का प्रयास किया था. इस असाधारण बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है. टकर कार्लसन ने यह आरोप उस समय लगाया जब वह अमेरिकी लेखक और पत्रकार मैट तैब्बी के साथ बातचीत कर रहे थे. कार्लसन ने कहा, "बाइडेन प्रशासन ने पुतिन को मारने की कोशिश की. ये पागलो वाला काम था. उन्होंने टोनी ब्लिंकन (अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री) का उदाहरण देते हुए कहा कि वह भी इस साजिश का हिस्सा हो सकते थे. वे वास्तविक युद्ध पर जोर दे रहे थे. टकर के अनुसार, बाइडेन प्रशासन ने अराजकता के माध्यम से अपने उद्देश्यों को छिपाने की कोशिश कर रहा था.
इस दावे ने अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि, इस दावे के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया है और न ही बाइडेन प्रशासन या किसी अन्य ऑफिशियल सोर्स स्रोत ने इस पर रिएक्शन दिया है. टकर कार्लसन के इस आरोप के बाद बाइडेन प्रशासन के खिलाफ नई चर्चा शुरू हो गई है. यह भी देखा जा रहा है कि यह दावा वैश्विक राजनीति में अमेरिका-रूस संबंधों को कैसे प्रभावित करेगा.
क्या है टकर कार्लसन का इतिहास?टकर कार्लसन लंबे समय से रूढ़िवादी राजनीति का एक प्रमुख चेहरा रहे हैं और उनके कई विवादित बयान और आरोपों ने पहले भी सुर्खियां बटोरी हैं. वे डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं और फॉक्स न्यूज छोड़ने के बाद भी अलग-अलग मंचों पर अमेरिकी राजनीति पर बेबाकी से राय रखते रहे हैं.
रूस ने दी प्रतिक्रियाकार्लसन के दावे के बाद, रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही हैं. पेसकोव ने आगे कहा कि रूस की स्पेशल सर्विस राष्ट्रपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्क हैं और हर संभव उपाय लागू करती है.
यूक्रेन पर उनकी स्थितिटकर कार्लसन ने यूक्रेन को लेकर जो टिप्पणियां की है. वे अक्सर अमेरिकी राजनीतिक प्रतिष्ठान से अलग होती हैं. उन्होंने यूक्रेन को अत्याचारी करार देते हुए कहा कि अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. उनके इस रुख ने यूक्रेन समर्थक देशों और नेताओं से कड़ी आलोचना झेल चुके हैं.