कोविड-19 के इलाज की अनुपलब्धता के बीच हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का इस्तेमाल खतरे से खाली नहीं है. इसका इस्तेमाल उसी वक्त किया जाना चाहिए जब डॉक्टर सुझाव दें. डॉक्टरों का कहना है कि दवा देते वक्त गहन निगरानी की जरूरत होती है.


हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साइड इफेक्ट्स


ब्रिटेन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा से जुड़े डॉक्टर आमिर खान कहते हैं, "हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेनेवाले मरीज को बराबर ब्लड टेस्ट की जरूरत होती है. ब्लड टेस्ट से जिगर और गुर्दे पर पड़नेवाले प्रभाव का पता लगाया जाता है." उनके मुताबिक इसके इस्तेमाल से जिगर और गुर्दे पर गहरा प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है. इसके साइड इफेक्ट्स के तौर पर सिर दर्द, चक्कर, पेट में ऐंठन हो सकता है.


इसके अलावा भी स्वास्थ्य पर इसका खतरनाक प्रभाव देखने में आता है. इसमें अंधापन, दिल की धड़कन का असंतुलित हो जाना, कम सुनाई देना, लो ब्लड शूगर और गंजापन, मूड में तब्दीली, तनाव और आत्महत्या के विचार आना प्रमुख रूप से शामिल हैं.


उनका कहना है कि दवा का इस्तेमाल बच्चों के लिए भी हानिकारक हो सकता है. गर्भवती महिलाओं को इससे परहेज करना चाहिए. इसका साइड इफेक्ट्स पेट में पलने वाले बच्चे पर भी होता है. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन अक्सर मलेरिया और सूजन के इलाज में काम आती है.


बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें इस्तेमाल


मरीज को डॉक्टर की सलाह के बाद इसके इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है. मार्च के महीने में क्लोरोक्वीन फॉस्फेट लेने के बाद एक अमेरिकी नागिक की मौत हो गई थी. उसने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए दवा का इस्तेमाल किया था. मृतक की पत्नी का कहना था कि उसके परिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान के बाद दवा का पता चला. प्रेस कॉंफ्रेंस में ट्रंप कोरोना वायरस से बचाव के लिए दवा लेने की बात कहते हुए देखे गए थे.


क्लोरोक्वीन फॉस्फेट भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से मिलती जुलती दवा है. जिसका इस्तेमाल मछली के टैंक को इस्तेमाल करने में किया जाता है. अबतक कोरोना वायरस के इलाज में इसके फायदा पहुंचने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं.


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