Ukraine On Chinese Ambassador Sovereignty Remarks: फ्रांस में चीन के राजदूत की ओर की गई टिप्पणियों को यूक्रेन ने रविवार (23 अप्रैल) को बेतुका करार दिया. चीनी राजदूत ने सोवियत के बाद के देशों की संप्रभुता पर सवाल उठाया था. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, शुक्रवार (21 अप्रैल) को न्यूज चैनल LCI से बातचीत के दौरान चीनी राजदूत लू शाये (Lu Shaye) ने कहा था कि सोवियत संघ के पतन के बाद उभरे देशों के पास अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत प्रभावी स्थिति नहीं है. उन्होंने तर्क दिया था कि ऐसे देशों के लिए संप्रभु राष्ट्रों के रूप में उनकी स्थिति की पुष्टि करने वाला कोई अंतरराष्ट्रीय समझौता नहीं है.


चीनी राजदूत की टिप्पणी के मायने 


चीनी राजदूत के कमेंट ने न केवल यूक्रेन (जिस पर पिछले साल फरवरी में रूस ने आक्रमण शुरू किया था), बल्कि उन सभी पूर्व सोवियत गणराज्यों पर संदेह जता दिया जो 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरे, जिनमें यूरोपीय संघ के कई सदस्य शामिल हैं.


यूक्रेन ने किया पलटवार


यूक्रेन के राष्ट्रपति के सहयोगी Mykhailo Podolyak ने रविवार (23 अप्रैल) को पलटवार किया कि सोवियत के बाद के देशों की स्थिति अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित थी. पोडोलिएक ने चीन का जिक्र करते हुए कहा, ''क्रीमिया के इतिहास के बारे में एक प्रतिनिधि से बेतुका वर्जन सुनना अजीब है जो अपने हजार साल के इतिहास के बारे में स्पष्ट है.''


'रूसी बाहरियों का तोता प्रचार न करें'


बता दें कि मॉस्को और बीजिंग ने पिछले वर्षों में सहयोग बढ़ाया है और वॉशिंगटन ने बीजिंग पर आरोप लगाया है कि वह मॉस्को को हथियार निर्यात करने की सोच रहा है, हालांकि इस दावे से चीन ने इनकार किया है. रूस के साथ मजबूत संबंध के बावजूद चीन ने यूक्रेन विवाद में खुद को एक तटस्थ पक्ष के रूप में पेश करने की कोशिश की है. वहीं, चीन ने यूक्रेन संघर्ष के लिए एक अस्पष्ट राजनीतिक समाधान भी प्रस्तावित किया. इस पर पोडोलिएक ने कहा, ''अगर आप (चीन) बड़े राजनीतिक खिलाड़ी बनना चाहते हैं तो रूसी बाहरियों का तोता प्रचार न करें.''


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