श्रीलंका में चक्रवात दित्वा की वजह से आई बाढ़ और भूस्खलन ने 132 लोगों की जान ले ली है, 176 लोग लापता हैं और 78 हजार को विस्थापित किया गया है. इस बीच पाकिस्तान ने श्रीलंका को मानवीय सहायता भेजी, जो अंतरराष्ट्रीय विवाद का कारण बन गई है. पाकिस्तान ने जो खाने की चीजें और दवाएं श्रीलंका के लोगों की मदद के लिए भेजीं, उन पर एक्सपाइरी डेट 2024 लिखी है.
श्रीलंका के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने दवाईयां, फूड पैकेट और बाढ़ पीड़ितों के लिए कुछ जरूरी सामान भेजा था, जिनमें से कई आइटम एक्सपायर हो चुके थे. श्रीलंका के आपदा प्रबंधन और विदेश मामलों के विभागों ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताते हुए पाकिस्तान से औपचारिक स्पष्टीकरण मांगा है.
चक्रवात दित्वा ने 28 नवंबर को श्रीलंका में तबाही मचाई थी, जिसमें 132 लोगों की जान गई, 176 लोग गायब हो गए और 78 हजार लोग विस्थापित हुए. इस आपदा के बीच पाकिस्तान ने भाईचारे का दावा करते हुए तत्काल सहायता की घोषणा की और 29 नवंबर को पाकिस्तानी नौसेना का जहाज कई टन राहत सामग्री लेकर कोलंबो बंदरगाह पहुंचा. इसमें फूड पैकेट, दवाइयां, फर्स्ट एड किट, सूखा राशन, तंबू और अन्य जरूरी वस्तुएं शामिल हैं.
30 नवंबर को श्रीलंका में पाकिस्तान के दूतावास ने एक पोस्ट किया और उसमें लिखा, 'पाकिस्तान से राहत पैकेज सफलतापूर्वक श्रीलंका के बाढ़ प्रभावित भाई-बहनों तक पहुंचाए गए. यह हमारी अटूट एकजुटता का प्रतीक है. पाकिस्तान हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा है.' जब श्रीलंका के अधिकारियों ने सामान की जांच की तो कई पैकट 2024 की एक्सपायरी डेट के निकले. मेडिकल सप्लाई और फूड आइटम्स खराब पाए गए. मामला सामने आने के बाद पाक दूतावास ने पोस्ट डिलीट कर लिया.
श्रीलंका के आपदा प्रबंधन और विदेशी मामलों के विभागों ने इस पर गंभीर चिंता जताई है. अधिकारियों ने इस्लामाबाद के साथ औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरीकों से नाराजगी जाहिर की है. अधिकारियों का कहना है कि जब देश ऐसी विकट स्थिति से गुजर रहा है, इस घटना ने राहत सामग्री भेजने में पाकिस्तान की ईमानदारी और क्षमता पर संदेह पैदा कर दिया है.
दूसरी तरफ भारत ने पाकिस्तान को श्रीलंका राहत सामग्री भेजने के लिए इंडियन एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच यह अहम घटनाक्रम है. हालांकि, पहले पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि नई दिल्ली ने अपने एयरस्पेस में पाकिस्तानी विमानों को आने से मना कर दिया है, जबकि भारत के अधिकारियों ने बताया कि कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान की रिक्वेस्ट प्रोसेस कर दी गई थी.
अधिकारियों के अनुसार 1 दिसंबर को दोपहर करीब 1 बजे पाकिस्तान ने उसी दिन भारतीय एयरस्पेस में उड़ान भरने की फॉर्मल रिक्वेस्ट दी थी और चार घंटे बाद उसे क्लियरेंस दे दिया गया. उन्होंने कहा कि सबसे कम 4 घंटे के नोटिस पीरियड पर इसे प्रोसेस किया गया.