संयुक्त राज्य अमेरिका में कोविड-19 से मरनेवालों का आंकड़ा 1918 की स्पैनिश फ्लू महामारी के दौरान मृतकों की संख्या से पार कर गिया है. जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डेटा से पता चला कि सोमवार तक कुल 6 लाख 75 हजार 446 लोगों की मौत अमेरिका में कोविड-19 के कारण हो गई. एक सदी पहले स्पैनिश फ्लू 6 लाख 75 हजार लोगों की मौत का जिम्मेदार था. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि दो महामारियों के बीच कई अंतर हैं जिसके आंकड़ों नहीं मेल नहीं खाते. इसमें ये हकीकत भी शामिल है कि 1918 की महामारी के दौरान मृत्यु दर ज्यादा थी और स्पैनिश फ्लू से मरनेवाले काले अमेरिकियों को बहुत कम गिना गया. 


स्पैनिश फ्लू के मुकाबले कोविड-19 से अमेरिकी लोगों की गई ज्यादा जान


1918 की स्पैनिश फ्लू महामारी जनवरी 1918 और दिसंबर 1920 के बीच रही थी. इतिहासकार वास्तव में निश्चित नहीं हैं कि भौगोलिक दृष्टि से ये कहां शुरू हुई, लेकिन ये साफ है कि महामारी का कारण H1N1 वायरस था जो पक्षियों से इंसानों में फैला. उसने 50 करोड़ लोगों को दुनिया भर में संक्रमित किया और 5 करोड़ से 10 करोड़ के बीच मौत का कारण बना यानी दुनिया की आबादी का तीन से पांच फीसद के बीच. सिर्फ अमेरिका में 28 फीसद आबादी संक्रमित हो गई और एक अनुमान के मुताबिक 6 लाख 75 हजार लोग मर गए. हालांकि, 1918 की महामारी और वर्तमान कोविड-19 की महामारी के बीच स्पष्ट अंतर है.


कोरोना से 6 लाख 75 हजार 446 और स्पैनिश फ्लू से 6 लाख 75 हजार मौत


स्पैनिश फ्लू के दौरान प्रति लाख लोगों पर 642 मौत को दर्ज किया गया. उसकी तुलना में कोविड-19 के कारण प्रति एक लाख अमेरिकियों पर करीब 204 मौत की गिनती की गई. स्पैनिश फ्लू महामारी की वजह से मौत के आंकड़े को कम माना जाता है क्योंकि उसमें अमेरिकी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व नहीं था. 1918-1919 के मृत्यु जनसांख्यिकी में मात्र 31 राज्यों का परीक्षण किया गया. इसका मतलब हुआ कि ग्रेट प्लेंस, दक्षिण पश्चिम और दक्षिण पूर्व में होनेवाली बहुत सारी मौत की गिनती नहीं की जा रही थी. वर्जिनिया टेक में इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर थोमस इविंग हेल्थ अफेयर्स में लिखते हैं कि जिन राज्यों को अलग कर दिया गया था, उसमें काले लोगों की बड़ी आबादी थी. 


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