कोरोना वैश्विक महामारी को मात देने के लिए दुनिया के वैज्ञानिक और शोधकर्ता दिन-रात एक किए हुए हैं. अब दुनिया भर की निगाहें टोसिलिजुमैब (Tocilizumab) के ट्रायल नतीजों पर टिक गई हैं. अगले हफ्ते उसके नतीजे आने की उम्मीद है.  मेल ऑनलाइन के मुताबिक ये दवा सूजनरोधी इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है.


क्या गठिया की दवा से होगा कोविड-19 का इलाज ?


टोसिलिजुमैब के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि ये दवा कोरोना वायरस से इंसानी इम्युन सिस्टम को नुकसान पहुंचाने से रोक सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक जब कोई शख्स कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार होता है तो उसका इम्युन सिस्टम हद से ज्यादा सक्रिय हो जाता है. इस स्थिति को वैज्ञानिकों ने ‘इम्युन सिस्टम में तूफान’ का नाम दिया है. और ये उस वक्त होता है जब शरीर पर इम्युन सिस्टम हमलावर होने लगता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस प्रतिक्रिया को रोक दिया जाए तो दवा इंफ्लेमेशन को कम या खत्म कर सकती है क्योंकि कोरोना वायरस से इम्युन सिस्टम में आनेवाले तूफान की वजह भी इंफ्लेमेशन ही हो होता है. इसलिए गठिया की दवा इलाज में बहुत मददगार साबित हो सकती है.


डेक्सामेथासोन के बाद दूसरी दवा है टोसिलिजुमैब


रिपोर्ट के मुताबिक टोसिलिजुमैब के ट्रायल कई देशों में एक साथ किए जा रहे हैं और अगले हफ्ते उसके नतीजे आने की उम्मीद है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ट्रायल में दुनिया भर के 60 अस्पतालों में 450 कोविड-19 के मरीज शामिल हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर ये दवा ट्रायल में कामयाब रही तो यो दूसरी दवा होगी जो कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर साबित होगी.


इससे पहले स्टेरॉइड ‘डेक्सामेथासोन’ (Dexamethasone) के कोरोना मरीजों पर प्रभावी नतीजों की बात सामने आ चुकी है. भारत में भी दवा निर्माता स्टेरॉइड डेक्सामेथासोन दवा को उपयोगी बता चुके हैं. स्टेरॉइड डेक्सामेथासोन दवा फेफड़े और सांस संबंधी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होती है. गौरतलब है कि दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित होनेवालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.


पाकिस्तान: ईश निंदा के आरोपी अहमदी समुदाय के व्यक्ति की कोर्ट रूम के अंदर गोली मार कर हत्या


ट्रंप के बेटे का ट्विटर अकांउट अस्थायी रूप से स्थगित, हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा से संबंधित गलत वीडियो किया था शेयर