केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने हाल ही में घोषणा की कि जुलाई 2021 तक पांच में से एक भारतीय को कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में कहा था कि 2021 की पहली तिमाही में देश में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. भारत सहित दुनिया भर में कोरोना वायरस के वैक्सीन पर तेजी से काम चल रहा है. हालांकि अभी तक यह पता नहीं है कि कौन सा टीका पहले हम तक पहुंचेगा. विश्व स्तर पर सात से ज्यादा टीके के परीक्षण अंतिम चरण हैं. आइये जानते हैं कोरोना वायरस वैक्सीन के ताजा अपडेट:


बुजुर्गों पर भी असरदार Moderna की कोविड-19 वैक्सीन


कोरोना वायरस बुर्जुगों में प्रतिरक्षा पैदा करती है या नहीं यह एक गंभीर सवाल है. कोरोना वायरस के लिए Moderna Inc की बनाई वैक्सीन mRNA 1273 का बुजुर्गों पर भी सकारात्मक असर देखा गया गया है. अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना जल्द ही अपनी कोरोना वैक्सीन बाजार में लाने वाली है. अमेरिका में एमआरएनए-1273 वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में 30 हजार वॉलंटियर्स शामिल हो रहे हैं. एक अध्ययन के 56 या उससे अधिक आयु के 40 वयस्कों में मॉडर्ना की वैक्सीन से कोई साइड-इफेक्ट नहीं हुआ है.


न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (NEJM) में प्रकाशित वैक्सीन के पहले चरण के ट्रॉयल के बाद वॉलंटियर्स ने मजबूत एंडीबॉडी विकसित की है. मॉर्डना की वैक्सीन अगले साल के मध्य तक ही लोगों को मिल पाएगी. कई देशों ने वैक्सीन के लिए कंपनी से पहले ही अनुबंध कर रखा है.


कोवाक्सिन तीसरे चरण के ट्रायल के लिए तैयार


हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक अभी दो कोविड-19 टीकों पर काम कर रहा है, जिनमें से कोवाक्सिन का परीक्षण दूसरे चरण में है. कोवाक्सिन का परीक्षणों को पूरे जोरों पर किया जा रहा है. हालिया अध्ययनों से पता चला है कि यह टीका वॉलंटियर्स में मजबूत प्रतिरक्षा देने में सक्षम रहा है. आईसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक कोरोना की वैक्सीन को तैयार कर रहा है. यह वैक्सीन अपने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए तैयार है.


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन प्रोजेक्ट में स्वीडन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका भी शामिल है. इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किया जा रहा है. नई जानकारी के अनुसार वैक्सीन की प्रतिक्षा जल्द समाप्त होने वाली है. दिसंबर से लोगों के लिए शुरुआती खुराक उपलब्ध होंगे. हालांकि अगले छह महीनों में ही सभी के लिए डोज उपलब्ध होंगे. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम साल के आखिर तक ब्रिटेन की नियामक संस्था 'मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी' (एमएचआरए) के पास रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करेगी.


भारत सहित कई देश इस टीके के लिए जोर लगा रहे हैं. इस वैक्सीन को भारत में कोविशिल्ड के नाम से बेचा जाएगा. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अनुमान के अनुसार इसकी एक खुराक की कीमत 250 रुपये हो सकती है.


रूसी वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मांगी


रूस ने अगस्त में स्पुतनिक V को पंजीकृत करके COVID-19 वैक्सीन की दौड़ में पहला स्थान हासिल कर लिया है. हालांकि इस वैक्सीन को लेकर अफवाहें जोर पकड़ रही हैं. यदि सब कुछ ठीक रहा, तो वैक्सीन की शुरुआती खुराकें जनवरी 2021 तक जनता के लिए उपलब्ध हो सकती हैं. स्पूतनिक-5 वैक्सीन को मॉस्को स्थित गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों और रूस के रक्षा मंत्रालय ने मिलकर बनाया है.


रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड ने भारत को कोरोना वायरस की वैक्सीन 'स्पूतनिक-V' के 10 करोड़ डोज देने के लिए करार किया है. रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने भारत में सप्लाई के लिए दिग्गज कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब से समझौता किया है. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने रूसी कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक-5 के भारत में मानव शरीर पर तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) में आवेदन किया है.


कोरोना वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक का वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ करार


हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ कोविड-19 की वैक्सीन-नोवल चिम्प एडीनोवायरस (चिंपांजी एडीनोवायरस) के लिए एक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. भारत बायोटेक नाक के जरिए जाने वाले एडेनोवायरस वैक्सीन की एक अरब खुराक तक का उत्पादन करने के लिए काम कर रहे हैं. देश में फिलहाल यह टीका पहले चरण के परीक्षण में है. इसके अलावा देश में जायडस कैडिला हेल्थ केयर लिमिटेड और सीरम इंस्टिट्यूट पुणे की वैक्सीन का भी ट्रायल चल रहा है.


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