China Unborn Twin: चीन में डॉक्टरों ने एक साल के बच्चे के दिमाग में जुड़वां बच्चे की खोज की. एक नए स्टडी के मदद से इस बात की जानकारी दी गई. पिछले साल दिसंबर में न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि बच्चे को दिमाग से जुड़ी परेशानी हो रही थी. इस दौरान उसके सिर का साइज बढ़ गया था. 


शंघाई में डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज करने से पहले स्कैन किया. इस दौरान डॉक्टरों ने देखा कि बच्चे के दिमाग में दो जुड़वां भ्रूण हैं. मेडिकल भाषा में ऐसी चीज को मोनोकोरियोनिक डायनाओटिक कहते है. 


भ्रूण को कहते हैं परजीवी जुड़वां
पूरे तरह से जन्मे बच्चे के शरीर में अगर कहीं भ्रूण पाया जाता है तो, उसे परजीवी जुड़वां कहते है. मियामी हेराल्ड के रिपोर्ट के मुताबिक ये तब होता है, जब जुड़वां बच्चे गर्भाशय में जुड़ जाते हैं, लेकिन केवल एक का विकास जारी रहता है. वहीं स्टडी में पाया कि जीनोम स्वीकेसींग करने के बाद भ्रूण को बच्चे का जुड़वां पाया गया. आईएफएल साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार भ्रूण-में-भ्रूण के मामले जुड़वां गर्भावस्था के शुरुआती चरणों के दौरान होते हैं.


ऐसा तब होता है, जब एक फर्टाइल एग की मदद से बने टिशू का ग्रुप होता है. ये ग्रुप टिशू को अलग करने के लिए होता है, जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहते है. अगर ये अलग करने में सफल नहीं हो पाता है, तब वो शरीर के अंदर ही विकसित होने लगते है.


पहले भी देखे गए है मामले
हालांकि, अजन्मे जुड़वां को लगातार शरीर से ब्लड की सप्लाई मिलती रहती है, जिसकी वजह से वो जिंदा रहता है. स्टडी में कहा गया कि इसी तरह से भ्रूण का विकास निरंतर चलता रहता है. हालांकि ऐसे मामले दुर्लभ हैं, लेकिन ये पहले भी पाए गए हैं. मिस्र में 1997 के दौरान 16 साल के किशोर लड़के के पेट के अंदर एक भ्रूण खोजा गया था, जो उसके पेट में 16 साल से पड़ा हुआ था.


वहीं पिछले साल नवंबर में भारत के झारखंड राज्य के रांची में डॉक्टरों ने एक 21 दिन की बच्ची के पेट से आठ भ्रूण निकाले. डॉक्टरों ने कहा कि भ्रूण का आकार 3 सेमी से 5 सेमी तक था और पेट में एक थैली के अंदर था.


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