China Real-Estate Default: चीन के विकास में रियल-एस्टेट इंडस्ट्री का बड़ा हाथ रहा है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए रियल-एस्टेट इंडस्ट्री एक तरह से विकास का इंजन रही है. चीन की जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 30 फीसदी है. लेकिन इन दिनों एक के बाद एक रियल-एस्टेट कंपनियां दिवालिया हो रही हैं. इसमें आम लोगों को चिंता में डाल दिया है और चीनी सरकार भी परेशान हो उठी है.  


चीन की दो सबसे बड़ी रियल-एस्टेट कंपनियां कंगाली के मुहाने पर खड़ी हैं. इसमें से एक एवरग्रांडे है, जो 2021 में ही कंगाल हो चुकी है. हालांकि, गुरुवार को कंपनी ने न्यूयॉर्क में चैप्टर 15 के तहत 'दिवालियापन संरक्षण' के लिए आवेदन किया. इसके जरिए कंपनी को अमेरिका में मौजूद अपनी संपत्तियों को सुरक्षित करने का मौका मिलता है. एवरग्रांडे के ऊपर 300 अरब डॉलर का भारी भरकम कर्ज है. 


एक और कंपनी के दिवालिया होने का खतरा


चीन में एवरग्रांड के बाद एक और कंपनी दिवालिया होने के कगार पर आ गई है. इसका नाम 'कंट्री गार्डन' है. एक वक्त कंट्री गार्डन कमाई के मामले में चीन का सबसे बड़ा प्रॉपर्टी डेवलपर था. हालांकि, इस कंपनी के ऊपर भी कुछ ही हफ्तों में डिफॉल्ट होने का खतरा है. कंट्री गार्डन पिछले हफ्ते अपने डॉलर के जरिए भरे जाने वाले कर्ज के भुगतान को नहीं कर पाया. ऐसे में अब ये भी दिवालिया होने के कगार पर है. 


चीन की 'थ्री रेड लाइन्स' पॉलिसी


सरकार की तरफ से 2020 में 'थ्री रेड लाइन्स' पॉलिसी लेकर आई गई, जिसका मकसद उतार-चढ़ाव वाले इस सेक्टर की कंपनियों के कर्ज के स्तर पर लगाम लगाना था. ये पॉलिसी देनदारियों के मुकाबले संपत्ति के अनुपात की सीमा को निर्धारित करती है. इससे ये भी सुनिश्चित किया जाता है कि कंपनी के पास शॉर्ट-टर्म कर्ज के 100 फीसदी के बराबर नकदी मौजूद रहे. इस पॉलिसी ने कहीं न कहीं कंपनियों को प्रभावित किया है. 


क्यों दिवालिया हो रहीं रियल-एस्टेट कंपनियां?


पिछले दो साल से चीन का रियल-एस्टेट सेक्टर परेशानियों से घिरा हुआ है. लोग नए घरों को खरीदने को इच्छुक नहीं हैं. इसकी वजह से कीमतें गिर रही हैं, जबकि बेरोजगारी भी बढ़ रही है. आइए आपको उन प्वाइंट्स के बारे में बताते हैं, जो कहीं न कहीं रियल-एस्टेट कंपनियों के दिवालिया होने के पीछे हैं. 



  • ठंडा पड़ा रियल-एस्टेट मार्केट: बढ़ती ब्याज दरों, कर्ज लेने के सख्त नियम और चीन में मंदी सहित कई वजहों से रियल-एस्टेट सेक्टर 2021 से ठंडा पड़ा हुआ है. इससे प्रॉपर्टी डेवलपर्स के लिए घर बेचना और कैश फ्लो को बरकरार रखना मुश्किल हो गया है. 

  • प्रॉपर्टी डेवलपर्स का कर्ज: चीन में कई सारे प्रॉपर्टी डेवलपर्स ने कंपनी को बड़ा करने के लिए कर्ज लिया हुआ है. लेकिन अब मार्केट ठंडा है, जिससे उनकी कमाई नहीं हो रही है. इस वजह से रियल-एस्टेट कंपनियां कर्ज में दबती जा रही हैं. 

  • कर्ज पर नकेल कसती सरकार: चीनी सरकार रियल-एस्टेट सेक्टर में बड़ी मात्रा में कर्ज लेने वाली कंपनियों पर नकेल कस रही है. इससे कंपनियों के लिए अपने कर्ज को चुकाने के लिए कहीं और से कर्ज लेना मुश्किल हो गया है, जो उनके दिवालियापन की वजह बन रहा है.

  • फर्जीवाड़े में शामिल होना: चीन में कई सारी कंपनियां फर्जीवाड़े में भी लगी हुई हैं. उदाहरण के लिए कुछ कंपनियों ने फंड जमा करने के लिए बनकर तैयार नहीं हुए फ्लैट्स भी बेचे हैं. इस वजह से लोगों का विश्वास खत्म हो गया है और अब वे घर खरीदने से बच रहे हैं. 


चीनी रियल-एस्टेट कंपनियों के दिवालिया होने की वजह से इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. स्टॉक की कीमतों में गिरावट आई है. इसके अलावा आर्थिक विकास में मंदी देखने को मिली है. साथ ही देश में बेरोजगारी भी बढ़ रही है. सरकार का कहना है कि वह हालातों को काबू में करने के लिए काम कर रही है. 


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