US-China Relations: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मेक्सिको और कनाडा से आयात पर लगाया गया नया 25% टैरिफ मंगलवार से लागू हो गया. वहीं चीनी वस्तुओं पर शुल्क दोगुना करके 20% कर दिया गया. इसके साथ ही अमेरिका का इन तीन व्यापारिक साझेदारों के साथ नए व्यापारिक संघर्षों की शुरुआत हो गई.
टैरिफ लागू होने से कुछ घंटे पहले ही ट्रंप ने कहा कि तीनों देश अमेरिका में घातक फेंटेनाइल ओपिओइड और अन्य ड्रग्स के प्रवाह को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में नाकाम रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने स्पष्ट किया है कि यदि अमेरिका टैरिफ युद्ध या किसी भी प्रकार का संघर्ष चाहता है तो चीन अंत तक लड़ने के लिए तैयार है.
चीन ने किया पलटवार
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले पर चीन के US दूतावास ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या कोई अन्य प्रकार का युद्ध हो, "हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं'. वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर निशाना साधते हुए लिखा, "चीन को धमकी देना काम नहीं आएगा. टैरिफ को लेकर चीन का पलटवार अमेरिका के लिए झेलना आसान नहीं होगा और एक्सपर्ट्स सवाल उठा रहे हैं कि क्या अमेरिका की जनता कीमतों में भारी इजाफे को बर्दाश्त करने के लिए तैयार है?'
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि धमकियों से चीन नहीं डरता और दबाव या जबरदस्ती से निपटने का यह सही तरीका नहीं है. उन्होंने फेंटेनाइल संकट के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि चीन ने इस मुद्दे पर अमेरिका की सहायता के लिए मजबूत कदम उठाए हैं, लेकिन अमेरिका ने चीन पर दोष मढ़ने और उसे बदनाम करने की कोशिश की है.
गौरतलब है कि चीन ने पलटवार करते हुए 10 मार्च से कुछ अमेरिकी आयातों पर 10%-15% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने और नामित अमेरिकी संस्थाओं के लिए कुछ नए निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की.
'फेंटेनाइल संकट के लिए अमेरिका जिम्मेदार'
फेंटेनाइल संकट को लेकर चीन ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए चीन ने कहा, 'इस संकट के लिए अमेरिका ही जिम्मेदार है.. अमेरिकी लोगों के प्रति मानवता और सद्भावना की भावना से हमने इस मुद्दे से निपटने में अमेरिका की मदद करने के लिए हमें कई कड़े कदम उठाए हैं. हमारी कोशिश को स्वीकार करने की जगह अमेरिका हम पर ही दोष लगा रहा है और बदनाम करने की साजिश कर रहा ही. वो हमें मदद करने के लिए सजा दे रहे हैं. यह अमेरिका की समस्या का समाधान नहीं करेगा. इससे दोनों देशों के बीच सहयोग कमजोर होगा.