China and South Korea Relation: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एक फैसले ने उसके मित्र देशों रूस और उत्तर कोरिया की परेशानी बढ़ा दी है. दरअसल, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा कि वह दक्षिण कोरिया की यात्रा करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और इस साल वह अपने इस पड़ोसी देशी के दौरे पर जा सकते हैं.


साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में योनहाप समाचार एजेंसी के हवाले से छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री हान डक-सू से एशियाई खेलों के मौके पर मुलाकात के दौरान कही. आइए जानते हैं कैसे चीन की इस पहल से रूस और उत्तर कोरिया परेशान होंगे.


बैठक में दोनों देशों की इन बातों पर हुई चर्चा


रिपोर्ट के मुताबिक, एशियाई खेलों के उद्घाटन से पहले दोनों देशों के प्रमुखों की पूर्वी चीनी शहर हांगझू में एक बैठक भी हुई. बैठक के दौरान, शी ने अंतर-कोरियाई सुलह के लिए भी समर्थन व्यक्त किया और हान की ओर से चीन से रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए कहने के बाद कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति के लिए निरंतर प्रयास करने का वादा किया.


दक्षिण कोरिया ने मांगी ड्रैगन से यह मदद


चीन के पहले उप-विदेश मंत्री चांग हो-जिन के अनुसार, इस बैठक में दक्षिण कोरिया के पीएम हान ने उत्तर कोरिया को उसके परमाणु निरस्त्रीकरण कदमों के बदले में बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता की पेशकश करने के लिए डिज़ाइन की गई राष्ट्रपति यूं सुक येओल की नीति के बारे में शी को जानकारी दी और इस पर उत्तरी कोरिया को समझाने का अनुरोध किया.


चीन ने इसे शुरू करने के लिए किया वादा


शी जिनपिंग ने यह भी कहा कि चीन दक्षिण कोरिया, चीन और जापान के बीच लंबे समय से निलंबित वार्षिक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन को फिर से शुरू करने के सियोल के प्रयासों की सराहना करता है और बीजिंग उचित समय पर त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित करने का स्वागत करता है.


9 साल पहले किया था दक्षिण कोरिया का दौरा


शी जिनपिंग ने आखिरी बार 2014 में दक्षिण कोरिया का दौरा किया था. राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में समूह 20 शिखर सम्मेलन के मौके पर शी को निमंत्रण दिया था, लेकिन जिनपिंग तब नहीं गए थे.


इस कारण रूस और उत्तर कोरिया होंगे परेशान


दरअसल, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच कई साल से दुश्मनी चली आ रही है. उत्तर कोरिया लगातार दक्षिण कोरिया पर मिसाइल दागता रहता है. ऐसे में चीन के दक्षिण कोरिया के नजदीक जाने से किम जोंग उन की चिंताएं बढ़ सकती हैं. वहीं, दूसरी ओर रूस की बात करें तो रूस भी हमेशा से उत्तर कोरिया का साथ देता आ रहा है. वह दक्षिण कोरिया के खिलाफ ही रहा है. हाल ही में किम जोंग उन ने रूस की यात्रा की थी और दोनों देशों ने कई समझौते किए थे. अब अगर चीन दक्षिण कोरिया से दोस्ती बढ़ाता है तो रूस का वजन भी कम होगा. इन सबसे अलग चीन खुद रूस और उत्तर कोरिया का अच्छा मित्र है, ऐसे में अगर वह दक्षिण कोरिया का दोस्त बनता है तो दोनों देशों को भी दुश्मनी खत्म करने के लिए कह सकता है, जैसा कि त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन को लेकर जिनपिंग ने कहा भी है.   


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