बीजिंग: चीन, पाकिस्तान और भारत के मित्र देश अफगानिस्तान ने दो बड़े मामलों पर हाथ मिला लिया है. इन दो बड़ी बातों में आतंकवाद का मुकाबला और तालिबान को बातचीत की पटरी पर वापस लाना शामिल हैं. बातचीत का नेतृत्व अफगानिस्तान के ज़िम्मे होगा. ये जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय ने बीते सोमवार को दी.
15 दिसंबर को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तीसरे विदेश मंत्री स्तर की वार्ता में अफगानिस्तान के काबुल में हिस्सा लिया. यहीं तीनों देशों के बीच आतंकवाद के मुकाबला पर एमओयू साइन हुआ. वांग ने यहां पाक विदेश मंत्री महमूद कुरैशी और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी से मुलाकात की.
तीन पक्षों ने बातचीत के इसी ढर्रे को बनाए रखने और आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. ये भी तय किया गया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान अपने द्विपक्षीय संबंध और आपसी सहयोग को बढ़ाने पर भी ज़ोर देंगे. दोनों के बीच किसी विवाद को बातचीत और सामंजस्य के जरिए सुलझाया जाएगा जिससे दोनों पक्षों के सीधे संबंध कोई प्रभाव मत पड़े.
साथ ही ये भी तय किया गया कि बेल्ट एंड रोड पहल के तहत तीनों देश आपसी क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे. आपको बता दें कि तालिबान विदेशी ताकतों को अफगानिस्तान से बाहर करने की जंग लड़ रहा है और 2001 में अपनी मज़बूत पकड़ खो देने के बाद ख़ुद को फिर से स्थापित करने में कामयाब रहा है.
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