China Laser Attack on Germany: चीन अपनी विस्तारवाद नीति के तहत समुद्री सीमाओं को बढ़ाने की जुगत में अकसर लाल सागर (Red Sea) में कोई न कोई हरकत करता रहता है. इस बीच चीन की नेवी ने रेड सी में सुरक्षा मिशन पर तैनात जर्मनी के एक सर्विलांस एयरक्राफ्ट पर लेजर वेपन से हमला कर दिया. इसके बाद राजनयिक स्तर पर कड़ी आपत्ति जताई गई और जर्मनी में चीनी राजदूत को तलब किया गया.

ASPIDES मिशन का हिस्सा था जर्मनी का जहाज

यह विमान यूरोपीय यूनियन के नेतृत्व वाले ASPIDES मिशन का हिस्सा था, जिसका मकसद रेड सी जैसे खतरनाक समुद्री इलाकों में नागरिक जहाजों की रक्षा करना है. यह इलाका यमन के हूती विद्रोहियों के हमलों की वजह से हाई-रिस्क जोन घोषित है. इसकी शुरुआत फरवरी 2024 में हुई थी.

जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को अस्वीकार बताते हुए दो टूक कहा कि चीन की इस हरकत ने ASPIDES मिशन की संचालन सुरक्षा और कर्मचारियों की जान को खतरे में डाला है. जर्मनी के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस महीने (जुलाई 2025) की शुरुआत में चीनी युद्धपोत की ओर से लेजर दागा गया और इस क्षेत्र में कई बार इसका सामना किया गया.

बिना किसी चेतावनी के किया गया टारगेट- जर्मनी

रक्षा मंत्रालय ने बताया, "जिस एयरक्राफ्ट पर चीन ने लेजर दागा वह एक प्राइवेट कॉमर्शियल प्रोवाइडर का था, लेकिन उस पर जर्मनी की सेना तैनात थी. लेजर टारगेटिंग की न कोई चेतावनी गई थी और न ही चीन की ओर से कोई संपर्क स्थापित किया गया था. एहतियात के तौर पर हमने अपना मिशन रद्द कर दिया और विमान सुरक्षित रूप से जिबूती स्थित अपने बेस पर वापस लौट आया. अच्छी बात ये है कि हमारो कोई जवान घायल नहीं हुआ."

ये भी पढ़ें : तुर्किए की उड़ने वाली है नींद, उसके दुश्मन को भारत देगा घातक LR-LACM मिसाइल, जानें क्या-क्या है खूबी