अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ की वजह से तकरार बढ़ गया है. चीन ने पहले सोयाबीन और सेमीकंडक्टर को लेकर एक्शन लिया था, लेकिन अब उसने अमेरिका को इससे भी बड़ा झटका दिया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण कोरिया की जहाज बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक हान्वा ओशन की अमेरिकी सहायक कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.

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चीन ने दक्षिण कोरिया के हान्वा की अमेरिकी इकाइयों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. उसने शिपिंग क्षेत्र में और बड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. यह चीन-अमेरिका के टैरिफ वॉर के लिए नए चेप्टर जैसा है. अहम बात यह भी है कि चीन और अमेरिका ने एक-दूसरे पर बंदरगाह शुल्क भी लगा दिया है.

बंद नहीं हुआ टैरिफ वॉर तो दोनों देश बुरी तरह होंगे प्रभावित

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कदम ने वैश्विक इक्विटी में गिरावट को बढ़ावा दिया है. इसकी वजह से समुद्री व्यापार क्षेत्र में संघर्ष देखने को मिल सकता है. हिनरिच फाउंडेशन की डेबोरा एल्म्स ने ब्लूमबर्ग को बताया, "यह टैरिफ वॉर के बढ़ने का संकेत है. अब केवल टैरिफ या एक्सपोर्ट कंट्रोल करने का मामला नहीं है, बल्कि यह भी है कि कौन सी कंपनियां किन बाजारों में काम कर सकती हैं. अगर यह जारी रहा, तो दोनों देशों को नुकसान होगा."

चीन और अमेरिका के बंदरगाह को लेकर लगाए गए टैक्स व्यापार को काफी प्रभावित कर सकते हैं. जहाज ग्लोबल ट्रेड का 80 प्रतिशत से अधिक माल ढोते हैं, इसलिए बंदरगाह शुल्क और प्रतिबंधों का असर कच्चे तेल और एलएनजी से लेकर खिलौनों के साथ-साथ हर चीज पर पड़ सकता है, जिससे शिपिंग लागत बढ़ जाता है.

सोयाबीन के बाद कुकिंग ऑयल को लेकर बढ़ा तकरार

इससे ठीक पहले चीन और अमेरिका के बीच सोयाबीन को लेकर विवाद हो गया. चीन ने अमेरिका से सोयाबीन खरीदना बंद कर दिया है. इसकी वजह से अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. अहम बात यह है कि चीन अभी तक अमेरिकी सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीददार रहा है, लेकिन उसने टैरिफ लगने के बाद सोयाबीन खरीदना बंद कर दिया. अब ट्रंप ने धमकी दी है कि वे चीन से कुकिंग ऑयल का व्यापार खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं. ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर इसको लेकर पोस्ट भी शेयर की है.