चीन ने उन आरोपों को खारिज किया जिसमें ये कहा गया है कि चीन समर्थित हैकिंग ग्रुप ने दो भारतीय वैक्सीन निर्माता कंपनियों के आईटी सिस्टम को निशाना बनाया. रायटर्स के मुताबिक, साइबर इंटेलिजेंस फर्म साइफर्मा ने आरोप लगाया था कि चीन समर्थित हैकिंग ग्रुप ने हाल के हफ्तों में दो भारतीय वैक्सीन निर्माता कंपनियों के आईडी सिस्टम को निशाया बनाया जिनका इस्तेमाल देश के टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है.

बता दें कि भारत में फिलहाल कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीरम के वैक्सीन का कई देशों ने ऑर्डर भी दिया है. सीरम दुनिया वैक्सीन निर्माता उत्पादन कंपनियों की लिस्ट में शीर्ष पर है.

बयान में चीन ने अपने बयान में कहा कि वैक्सीन के विकास और उससे जुड़े रिसर्च में चीन आगे है. हमें दूसरों के वैक्सीन की तकनीक चुराने की जरूरत नहीं है. चीन ने कहा कि इस तरह की खबरों के जरिए भारत और चीन दोनों को ही निशाना बनाया गया.

ये पहली बार नहीं है जब वैक्सीन को लेकर साइबर अटैक की बात सामने आई है. फरवरी में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पुष्टि की कि कोविड-19 अनुसंधान में शामिल उसकी एक प्रयोगशाला में साइबर हमला हुआ है. फोर्ब्स की जांच में यह बात सामने आई थी कि हैकरों ने प्रयोगशाला के कई सिस्टमों में सेंधमारी की. लेकिन यह साफ नहीं हो पाया कि इसके पीछे कौन लोग हैं.

दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने फरवरी में कहा कि दक्षिण कोरिया के दवा निर्माताओं के कंप्यूटर सिस्टम को उत्तर कोरिया के हैकर्स ने हैक करने का प्रयास किया. राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) ने रिपोर्ट किया कि दक्षिण कोरिया में साइबर अटैक की औसत दैनिक संख्या में सालाना आधार पर 32 फीसदी की वृद्धि हुई है.

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