जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और वैश्विक मंदी से जूझ रही है, तब चीन चुपचाप अपने परमाणु वारहेड को मजबूत करने में जुटा है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन का न्यूक्लियर स्टॉकपाइल अब तेजी से बढ़ रहा है.

Continues below advertisement

2023 में चीन के पास जहां 410 परमाणु वारहेड थे, वहीं 2024 में यह संख्या 500 तक पहुंच गई. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सिर्फ एक साल में चीन ने करीब 100 नए परमाणु हथियार जोड़ लिए और यह रफ्तार थम नहीं रही है. 2025 के शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि यह आंकड़ा और भी ऊपर जा सकता है.

भारत को बनानी होगी रणनीति

Continues below advertisement

इसका असर सिर्फ एशिया पर नहीं, पूरी दुनिया के सामरिक संतुलन पर पड़ सकता है. अमेरिका, रूस, भारत और अन्य परमाणु संपन्न देशों की नजरें अब चीन की गतिविधियों पर और भी सतर्क हो चुकी हैं. भारत के लिए यह चेतावनी है कि उसे अपनी सुरक्षा नीति और परमाणु नीति पर नए सिरे से विचार करना पड़ सकता है. हालांकि चीन ने सार्वजनिक तौर पर 'नो फर्स्ट यूज' यानी पहले परमाणु हमला न करने की नीति को दोहराया है, लेकिन उसका तेजी से बढ़ता न्यूक्लियर पावर इस नीति को संदिग्ध बना रहा है.

साल 1964 में चीन ने किया था पहला परीक्षण

चीन ने आधिकारिक रूप से अपना परमाणु हथियार कार्यक्रम साल 1955 में शुरू किया, जिसे 'Project 596' नाम दिया गया. इसे सोवियत संघ की शुरुआती तकनीकी मदद मिली. उसके बाद साल 1964 में चीन ने अपना पहला परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया. यह परीक्षण लोप नोर (Lop Nur) नामक स्थान पर किया गया और यह एक फिजन आधारित परमाणु बम था.

इस सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद चीन दुनिया का पांचवा परमाणु हथियार संपन्न देश बन गया. इस लिस्ट में अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन और फ्रांस पहले से शामिल थे. इसके बाद चीन ने 1964 से लेकर 1996 तक यानी 3 दशक तक लोप नूर में 45 परमाणु परीक्षण किए. 

350 नए मिसाइल साइलो बना रहा चीन

चीन ने मिसाइल आधारित परमाणु हथियारों का विकास और परीक्षण तेज किया. इसी दौरान अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBMs) और पनडुब्बी-लॉन्च प्रणाली विकसित की गई. हालांकि उसने Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty (CTBT) पर हस्ताक्षर किया है, लेकिन अब तक उसे अनुमोदित (ratify) नहीं किया है.

2020 के बाद से चीन ने अपने परमाणु हथियारों के भंडार को तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिया है. SIPRI और अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, अगर इसी रफ्तार से वृद्धि जारी रही तो 2035 तक चीन के वारहेड की संख्या 1500 से अधिक हो सकती है. SIPRI रिपोर्ट यह दावा करती है कि चीन लगभग 350 नए मिसाइल साइलो बना रहा है. या तो ये बन चुके हैं या निर्माण चरण में हैं. 

ये भी पढ़ें:- Nobel Peace Prize 2025: इस वजह से डोनाल्ड ट्रंप को नहीं मिला नोबेल, रूस समेत इन देशों ने दिया था मजबूती से साथ