पाकिस्तान के लाहौर और इस्लामाबाद सहित कई शहरों में लोग सड़कों पर उतरकर शहबाज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. पाकिस्तान की राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए कई शहरों का इंटरनेट बंद कर लॉकडाउन लगा दिया गया है. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) की ओर से इजरायल और अमेरिका की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है.

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पाकिस्तान की सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन

टीएलपी के कार्यकर्ता सड़कों पर हुजूम लेकर इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहे हैं. लाहौर में अभी भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं. इस हिंसक प्रदर्शन में टीएलपी के एक कार्यकर्ता और एक पुलिसकर्मी की मौत हुई है. टीएलपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव भी किया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन और हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया.

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क्यों हो रहा प्रदर्शन?

तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) की ओर से इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर इजरायल के खिलाफ शुक्रवार (10 अक्तूबर 2025) को विरोध प्रदर्शन की घोषणा की गई थी. इसके बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने इसके प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने के लिए टीएलपी मुख्यालय पर छापा मारा था. टीएलपी ने दावा किया कि पुलिस के साथ झड़पों में उसके एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और 20 घायल हो गए.

अनिश्चित काल के लिए इंटरनेट सेवा बंद

शहबाज सरकार ने राजधानी की ओर जाने वाली सड़कों को सील कर दिया है और रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी है. सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में अनिश्चित काल के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया. 

हाल ही में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने अमेरिका का दौरा किया था. उन्होंने ट्रंप की ओर से पेश किए गए 20 सूत्रीय गाजा शांति समझौते का समर्थन किया था. हालांकि बाद में फिर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार इस समझौते से पीछे हट गए. उन्होंने बताया अरब देशों के साथ ट्रंप को जो पीस प्लान वाला समझौता सौंपा गया था वह अलग था.

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