Submarine Base in Bangladesh: चीन की मदद से बांग्लादेश में बन रहे सबमरीन बेस का निर्माण लगभग पूरा हो गया है. हाल ही में सबमरीन बेस की आई सैटेलाइट तस्वीर भारत को टेंशन देने वाली है. तस्वीर में एक ड्राई डॉक नजर आ रही है, जहां पर सबमरीन का मरम्मत कार्य किया जाता है. ड्राई डॉक की लंबाई 135 मीटर और चौड़ाई लगभग 30 मीटर है.
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार के पेकुआ में बीएनएस शेख हसीना के नाम से इस पनडुब्बी बेस का निर्माण किया जा रहा है. यह बेस 1.75 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बेस का निर्माण साल 2020 में शुरू हुआ और मार्च 2023 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसका उद्घाटन किया. उद्घाटन कार्यक्रम में भारी संख्या में चीन के अधिकारी शामिल हुए थे.
बांग्लादेश में सबमरीन बेस बनने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि चीन जल्द ही इसपर लॉजिस्टिक पहुंच बना लेगा. विशेषज्ञ इसे पनडुब्बी कूटनीति के तौर पर देख रहे हैं, क्योंकि चीन ने बांग्लादेश को दो पनडुब्बी भी दी हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अब चीनी पनडुब्बियां बांग्लादेश के बेस पर मरम्मत और अपग्रेडशन के लिए लाई जाएंगी
चीन की कंपनी कर रही बेस का निर्माण
1.21 डॉल की लागत से बने बीएनएस शेख हसीना बेस पर एक साथ छह पनडुब्बियों और आज लड़ाकू जहाजों को खड़ा किया जा सकता है. इस बेस का निर्माण चीनी कंपनी कर रही हैं और चीन ने ही पैसा भी लगाया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन भी इस बेस का इस्तेमाल करेगा. इस तरह से चीन को भारत के करीब अब सबमरीन बेस मिल जाएगा, जो भारत की चिंता बढ़ाने वाला है.
बांग्लादेश में चीनी जहाजों और सबमरीन के डॉक होने से भारत के लिए बंगाल की खाड़ी असुरक्षित हो जाएगा. यहां पर तैनात भारतीय आयुधों की चीन निगरानी कर सकता है. बांग्लादेश के शेख हसीना बेस से थोड़ी ही दूर पर भारत की परमाणु पनडुब्बियों का अड्डा है, जिसकी चीन जासूसी कर सकता है.
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