China Pakistan Joint Navy Exercises: चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं पहली बार एक साथ ज्वाइंट नेवी एक्सरसाइज करने वाली हैं. दोनों देशों के बीच इस एक्सरसाइज को लेकर पाकिस्तानी मीडिया में काफी चर्चा हो रही है. इस बीच पाकिस्तान ने अपने दोस्त चीन से हंगौर क्लास की पनडुब्बी की डिमांड भी की है. दोनों पड़ोसी मुल्क इसे साथ मिलकर बना रहे हैं. 


पाकिस्तान अपने हथियारों की जरूरत पूरा करने के लिए चीन पर सबसे ज्यादा निर्भर है. यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ पीस 2023 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 80 के दशक में अफगान जिहाद से निपटने के लिए पाकिस्तान अमेरिका से बड़ी मात्रा में हथियार खरीदता था, लेकिन साल 2005 से 2015 के पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा हथियार चीन से खरीदे हैं.


पाकिस्तान को 75 फीसदी हथियार देता है चीन


पिछले 15 साल में चीन ने पाकिस्तान को 8469 मिलियन डॉलर कीमत के हथियार मुहैया कराए हैं. वहीं इससे पहले 50 सालों में चीन ने 8794 मिलियन डॉलर के हथियार पाकिस्तान को दिए थे. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना अमेरिका और रूस से भी सबसे ज्यादा हथियार खरीदती हैं. 2015 से पाकिस्तान की हथियार जरूरतों का 75 फीसदी हिस्सा चीन पूरा करता है. 2021 में पाकिस्तान ने हाई-टू-मीडियम एयर डिफेंस सिस्टम एयर मिसाइल चीन से लिया था. पाकिस्तान की सेना में चीन के ही आर्टिलरी और रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया जाता है.


एक्सरसाइज से क्या हासिल करना चाहते हैं चीन-पाकिस्तान?


पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मुताबिक, पाकिस्तान के साथ नौसेना अभ्यास के दौरान चीन अरब सागर में अपने छह जहाज उतरेगा. इन जहाजों में गाइडेड मिसाइल जिबो, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट जिंगझोउ और लिनी शामिल होंगे. इसके अलावा दो शिपबॉर्न हेलीकॉप्टर और दर्जनों नौसैनिक भी अभ्यास के दौरान इन जहाजों पर मौजूद रहेंगे. वहीं चीन ने टाइप-093 सॉन्ग कैटेगरी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी भी तैनात की है. 


पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, सी गार्जियन 2023 नौसेना अभ्यास का मकसद हिंद महासागर क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों का साझा तौर पर अनुभव करने का है. इसके अलावा दोनों देश अपनी नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थापित करना चाहते हैं. 


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