Canada Internal Politics: कनाडा के नेता प्रतिपक्ष (Leader Of Opposition) पियरे पोइलिवरे ने एक बार फिर कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो की आलोचना की है. उन्होंने पीएम जस्टिन ट्रूडो को एसएस (एक नाजी डिवीजन) के 14वें वाफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के पूर्व 'लड़ाके' से मिलने और सम्मानित करने के लिए माफी मांगने के लिए कहा है. 


पोइलिवरे ने एक्स पर लिखा, लिबरल लोगों ने (जस्टिन ट्रूडो की पार्टी) ने इस सप्ताह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की कनाडा यात्रा के दौरान हाउस ऑफ कॉमन्स में नाजी 'दिग्गजों' को मान्यता दी थी. कनाडाई नेता प्रतिपक्ष ने इसे ट्रूडो की तरफ से एक बड़ी गलती बताई. पोइलिवरे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PM Office) इस तरह के इवेंट के लिए जिम्मेदार है.


पोइलिवरे ने ये ट्वीट ह्यूमन राइट्स ग्रुप फ्रेंड्स ऑफ साइमन वीसेंथल सेंटर के जवाब में दिया था. ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने एक्स पर लिखा था, "एफएसडब्ल्यूसी इस बात से हैरान है कि कनाडा की संसद ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों और अन्य लोगों की सामूहिक हत्या का मुजरिम 'नाजी सैन्य इकाई' में सेवा देने वाले यूक्रेनी व्यक्ति का खड़े होकर अभिवादन किया."


हालांकि इस मामले को तूल पकड़ता देख कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर एंथनी रोटा ने माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि यह उनका निजी फैसला था. उन्होंने कहा, "मुझे व्यक्ति के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं थी, बाद में जानकारी मिलने के बाद मुझे अपने फैसले पर पछतावा हुआ." इसके साथ ही उन्होंने यहुदियों से भी माफी मांगी.






फ्रेंड्स ऑफ साइमन वीसेंथल सेंटर ने विश्व युद्ध में 'लड़ने' वाले उस व्यक्ति की जानकारी देते हुए कहा था, "यूक्रेन के एक 98 साल के आप्रवासी यारोस्लाव हुंका को हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर एंथनी रोटा ने 'द्वितीय विश्व युद्ध के यूक्रेनी कनाडाई युद्ध के दिग्गज के रूप में पेश किया था, जिन्होंने रूसियों के खिलाफ यूक्रेन की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी'. साथ ही उसे एक यूक्रेनी नायक (Ukrainian Hero) और एक कनाडाई नायक (Canadian Hero) बताया. इस बात की अनदेखी करते हुए कि यूक्रेनी शख्स हुंका ने एसएस के 14वें वाफेन ग्रेनेडियर डिवीजन में सेवाएं दी थी. ये डिवीजन एक नाजी सैन्य यूनिट थी जिसका होलोकॉस्ट (यहूदी नरसंहार) के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने का इतिहास दर्ज है."


भारत के खिलाफ आरोपों पर कनाडाई विपक्षी नेता ने भी ट्रूडो से मांगा सबूत


इससे पहले भारत पर खालिस्तानी आंतकी निज्जर की हत्या के आरोप लगाने के बाद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो पर पियरे पोइलिवरे ने सवाल किए थे. उन्होंने कहा था कि पीएम को तथ्यों के साथ सामने आना चाहिए था, अगर वे तथ्य नहीं रख पाए तो जगहंसाई की वजह बनेंगे. 


पियरे ने कहा था, "मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री (ट्रूडो) को सभी तथ्यों के साथ सामने आने की दरकार है. हमें सभी संभावित सबूतों को जानने की जरूरत है ताकि कनाडा के नागरिक इस पर फैसला ले सकें. पीएम ट्रूडो ने किसी तरह के कोई तथ्य सामने नहीं रखे हैं, उन्होंने महज एक बयान दिया है. उन्होंने कनाडा के लोगों को सार्वजनिक तौर से जितना बताया है, उससे ज्यादा उन्होंने मुझे निजी तौर पर नहीं बताया. इसलिए हम और ज्यादा जानकारी जानना चाहते हैं."


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