लंदन: ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने वेस्टमिस्टर में बैकबेंच कमिटी को बताया कि वे देश में हुए आम चुनाव (स्नैप पोल) में उनकी पार्टी कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत नहीं मिलने की जिम्मेदारी लेती हैं. टेरीजा ने कंजरवेटिव की 1922वीं कमिटी को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने ही सबको मुश्किल में डाला है और अब मैं ही सबको इससे बाहर निकालूंगी."


समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इस दौरान डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) से संसद में कंजरवेटिव पार्टी को समर्थन देने के बारे में चर्चा हुई. सभी राजनीतिक दलों के सांसद आज वेस्टमिंस्टर में एकजुट होंगे और जॉन बरकॉ को हाउस ऑफ कॉमन्स का स्पीकर बनाए रखने के मसले पर वोटिंग करेंगे. संसद का अगला सत्र अगले महीने से शुरू होगा.


मे ने अचानक की थी स्नैप पोल्स (मध्यावधि) की घोषणा


बताते चलें कि ब्रेक्ज़िट रिफ्रेंडम में अपने मत की हार के बाद ब्रिटेन के तत्कालीन पीएम डेविन कैमरुन ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद मे को देश की कमान मिली थी. ब्रिटेन के पक्ष में कठोर नियमों के साथ ब्रेक्ज़िट की पक्षधर मे ने ओपिनियन पोल्स को आधार मानते हुए स्पैन पोल्स (मध्यावधी चुनाव) की घोषणा की जिसने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया था. मे ने ये चुनाव इसलिए करवाए थे ताकि उनपर से चुने हुए पीएम ना होने का तमगा हट जाए और उनकी विश्वसनीयता में इज़ाफा हो जिससे वे ब्रेक्ज़िट से जुड़े कठोर फैसले ले सकें.


उनका ये दांव उल्टा पड़ा है और ब्रिटिश मीडिया के अनुसार परिणाम टेरीजा के लिए ‘अपमानजनक’ है. टेरीजा ने दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड की अपनी मेडनहेड सीट पर भले ही भारी मतों से जीत हासिल कर ली हो लेकिन संसद में बहुमत खोने के बाद उन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है. ब्रेग्जिट को लेकर बातचीत 19 जून को शुरू होने वाली है, लेकिन दोनों बड़े राजनीतिक दलों के भाग्य के एक तरह से पलटने से इस बातचीत के कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है.