लंदन. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार पर खेद जताया है. थेरेसा ने बुधवार को संसद के सामने कहा कि उन्हें इस घटना और इससे पैदा हुए कष्टों पर गहरा दुख है. हालांकि, इस दौरान उन्होंने एक भी बार माफी नहीं मांगी. इस पर संसद में विपक्ष के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने थेरेसा से साफ, स्पष्ट और विस्तृत माफी मांगने के लिए कहा.


2010 से 2016 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भी 2013 में भारत दौरे पर इसे इतिहास की बेहद शर्मनाक घटना बताया था. हालांकि, उन्होंने भी माफी नहीं मांगी थी. इस शनिवार को जलियांवाला बाग कांड का सौवां साल मनाया जाएगा.


पंजाब विधानसभा ने प्रस्ताव पास कर की थी माफी की मांग
इस साल फरवरी में इस नरसंहार की जिम्मेदार ब्रिटिश सरकार से माफी मंगवाने के लिए पंजाब सरकार ने विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था. इस प्रस्ताव के जरिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया गया था कि वह ब्रिटिश सरकार पर माफी मांगने का दबाव बनाए.


मारे गए थे एक हजार से ज्यादा लोग-भारतीय अधिकारियों का दावा
अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग कांड में ब्रिटिश सैनिकों ने खुलेआम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चला दी थीं. रिकॉर्ड्स के मुताबिक, इस नरसंहार में 400 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी. हालांकि, भारतीय अधिकारियों का दावा है कि इसमें 1000 से ज्यादा लोग मारे गए थे. मरने वालों में औरतें और बच्चे भी शामिल थे


जलियांवाला बाग हत्याकांड पर माफी मांगने से ब्रिटेन सरकार ने फिर किया किनारा

इमरान खान के बयान पर केजरीवाल ने पीएम पर हमला बोला, कहा- मोदी जीते तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे

कश्मीर मामले पर गंभीर ने महबूबा को बताया ‘धब्बा’, ट्विटर पर नोकझोंक के बाद PDP चीफ ने किया ब्लॉक

राफेल डील: SC के बहाने राहुल ने मोदी पर साधा निशाना, कहा- चौकीदार जी ने चोरी करवाई है