नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के बीच भी लोग फ्रॉड करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इंटरनेट पर कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों के खून का सौदा किया जा रहा है. कोविड 19 के इलाज के नाम पर इसे इसे अलग-अलग देशों में बेचा जा रहा है.


डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार खून बेचने वाले दावा कर रहे हैं कि इस खून से कभी कोरोना नहीं होगा. एक लीटर खून की कीमत करीब 10 लाख रुपये तक तय की गई है. इसके अलावा कोरोना से लड़ने के लिए पीपीई किट और अन्य सामान भी डार्कनेट पर बेचे जा रहे हैं.


प्रमुख रिसर्चर रोड ब्रॉडहर्स्ट ने कहा है कि महामारी के बीच भी कुछ लोग गलत तरीके से पैसे कमाना चाहते हैं और आने वाले दिनों में इनका नेटवर्क और भी बढ़ सकता है. इस वक्त पर रोकने की जरूरत है. उनके अलावा ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी के डिप्टी डायरेक्टर रिक ब्राउन ने कहा कि इंटरनेट पर बेची जा रहीं चीजों से लोगों के स्वास्थ्य को बड़ा नुकसान हो सकता है.


वहीं रोड ब्रॉडहर्स्ट ने कहा,"हमनें पाया कि असुरक्षित वैक्सीन और एंटीवायरल दवाइयां भी डार्कनेट पर लोगों को बेची जा रही हैं. भारी मात्रा में पीपीई किट बिक रहे हैं क्योंकि बाजार में इसकी कमी है."


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