US on BBC Documentary: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) को लेकर विवाद काफी गहरा गया है. केंद्र की ओर से YouTube को पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की कॉपी लेने का आदेश देने और ट्विटर से फिल्म से संबंधित पोस्ट हटाने के लिए कहने के बाद अब इस पर अमेरिका का रिएक्शन आया है. अमेरिका ने कहा कि वह दुनिया भर में एक स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करता है. 


अमेरिकी विदेश विभाग ने पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर भारत की ओर से प्रतिबंध लगाने को प्रेस की स्वतंत्रता का मामला बताते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को उजागर करने का सही समय है.


बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर अमेरिका का रिएक्शन


अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने बुधवार (25 जनवरी) को एक नियमित ब्रीफिंग में जिक्र किया कि वाशिंगटन दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस का समर्थन करता है. मीडिया के एक सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा, "हम दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करते हैं. लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को उजागर करना जारी रखेंगे, जो मानव अधिकारों में योगदान करते हैं."


पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?


इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि अमेरिका बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से अवगत नहीं है, लेकिन वह वाशिंगटन और नयी दिल्ली को जोड़ने वाले साझा लोकतांत्रिक मूल्यों से पूरी तरह से परिचित है. बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भाग में एक नयी सीरीज तैयार की है. बीबीसी का दावा है कि यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों के अलग-अलग पहलुओं की पड़ताल करती है. गुजरात दंगे के दौरान  नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे.


अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार (23 जनवरी) को एक संवाददाता सम्मेलन में एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका की नयी दिल्ली के साथ उन मूल्यों पर आधारित 'असाधारण गहरी साझेदारी' है, जो अमेरिका और भारत दोनों लोकतंत्र के लिए समान हैं.


भारत ने डॉक्यूमेंट्री को बताया दुष्प्रचार का हिस्सा


इससे पहले ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) का बचाव किया था, हालांकि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) सीरीज से खुद को दूर कर लिया. बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो भागों वाले इस डॉक्यूमेंट्री को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया था और कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है.


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