Bangladesh Violence Against Minority: बांग्लादेश के पूर्वी सुनामगंज जिले में हाल ही में हिंदू समुदाय पर हुए हमलों ने एक बार फिर देश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है.
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, 3 दिसंबर की रात मंगलारगांव और मोनीगांव में भड़की हिंसा के दौरान हिंदू समुदाय के 100 से ज्यादा घरों और व्यवसायों पर हमला किया गया. लूटपाट और तोड़फोड़ के अलावा, एक मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया गया. इन हमलों में 1.5 मिलियन बांग्लादेशी टका (लगभग 10 लाख रुपये से अधिक) का आर्थिक नुकसान हुआ है.
'हमलावरों की तुरंत हो गिरफ्तारी'
हिंसा की वजह 20 वर्षीय हिंदू ग्रामीण आकाश दास बताया जा रहा है. आरोप के मुताबिक, आकाश दास ने फेसबुक पर ऐसा पोस्ट किया, जिसे आपत्तिजनक माना गया. हालांकि, हिंसा शुरू होने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. प्रेस में कहा गया है कि परिषद इस तरह के सांप्रदायिक हमलों की कड़ी निंदा करती है और हमलावरों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग करती है.
बांग्लादेश में बढ़ता तनाव
ये घटनाएं बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ व्यवहार को लेकर बढ़ते तनाव के बीच हुई हैं. हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी ने चिंताओं को बढ़ा दिया है. बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता श्री दास भारत से रिहाई के आह्वान के बावजूद हिरासत में हैं. कोलकाता और अन्य भारतीय शहरों में बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें राजनीतिक और धार्मिक समूहों ने नाराजगी जताई है.
यूनुस सरकार का रुख
बढ़ती आलोचना के बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यक समुदायों की चिंताओं को दूर करने की मांग की है. विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं के साथ एक बैठक में, यूनुस ने सटीक रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर जोर दिया और वास्तविकता और मीडिया खबरों के बीच की गैप को दूर करने के लिए सहयोग का आग्रह किया. यूनुस ने कहा, "हम सटीक जानकारी प्राप्त करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक प्रक्रिया बनाना चाहते हैं"
मुहम्मद यूनुस ने साफ- साफ कहा है कि बांग्लादेश के सभी नागरिक चाहे वे किसी भी धर्म के हों, समान अधिकारों के हकदार हैं. बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय ने कथित तौर पर 5 अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से 50 जिलों में 200 से अधिक हमलों का सामना किया है.
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