बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच सिंगापुर से ढाका पहुंचा छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी के शव को ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. उसके जनाजे में लाखों की संख्या में लोग जुटे. इस दौरान अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस भी हादी के जनाजे में शामिल हुए. संसद के दक्षिणी प्लाज पर नमाज-ए-जनाजा पढ़ा गया. फिलहाल ढाका यूनिवर्सिटी समेत अन्य इलाकों में अभी भी तनाव बना हुआ है.   

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'ढाका ट्रीब्यून' के मुताबिक मोहम्मद यूनुस ने हादी की अंतिम विदाई में उन्हें याद किया. यूनुस ने कहा, 'आज जहां हजारों लोग जुटे हैं. देश और विदेशों में मौजूद बांग्लादेश के लोग हादी के बारे में सुनने का इंतजार कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'प्रिय हादी, हम यहां आपको अलविदा कहने नहीं आए हैं. आप हमारे दिलों में बसते हैं. जब तक बांग्लादेश का अस्तित्व रहेगा, आप इस राष्ट्र का हिस्सा बने रहेंगे. आपने हमें सिखाया कि विनम्रता के साथ लोगों तक कैसे पहुंचा जाए. बिना किसी को ठेस पहुंचाए विचार कैसे रखे जाएं. चुनावी अभियान कैसे चलाया जाए. हम इस सीख को स्वीकार करते हैं. इसे अमल में लाने का संकल्प लेते हैं. हम किसी के सामने नहीं झुकेंगे. दुनिया के सामने सिर ऊंचा रखेंगे. जनता से किया वादा हर हाल में पूरा करेंगे.' 

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इंकलाब का यूनुस सरकार को अल्टीमेटमइधर, इंकलाब मंच के अब्दुल्ल अल जबेर ने युनूस सरकार को अल्टीमेटम दिया है. इसमें कहा गया है कि सरकार अगले 24 घंटे में हादी के हत्यारों को सार्वजनिक कर दे. बता दें, कि उसकी हत्या का दोषी कौन है. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? 

कौन था शरीफ उस्मान हादी

उस्मान हादी एक छात्र नेता था. वह शेख हसीना विरोधी आंदोलन के दौरान अहम भूमिका में था. उसकी उम्र 32 साल थी. प्रवक्ता के तौर पर वह संगठन में नेतृत्व कर रहा था. पिछले साल जुलाई में हुए बांग्लादेश में विद्रोह के दौरान इंकलाब मंच का नाम सामने आया था. इसके चलते शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था.

इंकलाब मंच क्या है?इंकलाब मंच बांग्लादेश का कट्टरपंथी संगठन है. इसका मकसद शेख हसीना पार्टी आवामी लीग का खात्मा करना है. कट्टरपंथी सरकार बनाना है. हादी ने भी अपनी पहचान भारत विरोधी बनाई थी. वह अक्सर भारत विरोधी बयान देते थे. उसने ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा जारी किया था. इसमें भारत के कुछ हिस्से शामिल थे. 

बांग्लादेश में होने फरवरी में चुनावबांग्लादेश में फरवरी में चुनाव होने हैं. इस चुनाव में शेख हसीना की पार्टी को अलग कर दिया गया है. खालिदा जिया भी वेंटिलेटर पर हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बांग्लादेश की सत्ता विद्रोहियों के हाथ में चली जाएगी.